TMC ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के खिलाफ खोला मोर्चा, राष्ट्रपति से मिलकर की हटाने की मांग

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया कि 1 जुलाई को बंगाल बीजेपी के नेता सुवेंदु अधिकारी ने गृह मंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की और उसके तुरंत बाद सॉलिसिटर-जनरल मेहता के घर गए। इस विवाद के बाद तुषार मेहता ने अधिकारी से किसी तरह की मुलाकात से इनकार किया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और 'सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के कार्यालय में गड़बड़ी' का आरोप लगाते हुए एक ज्ञापन सौंपकर उन्हें पद से हटाने की मांग की। राष्ट्रपति के साथ बैठक के बाद तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, "हम घोर कदाचार और अनौचित्य के आधार पर एसजी को तत्काल हटाने की मांग करते हैं।"

टीएमसी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मुलाकात की। महुआ मोइत्रा ने रविवार को एक ट्वीट में कहा, "नारद आरोपी वाहन में सॉलिसिटर जनरल (जो नारद मामले में विशेष पीपी सीबीआई भी हैं) के घर में प्रवेश करते हैं, सुरक्षा गार्ड्स द्वारा चेक किया जाता है और फिर 30 मिनट के बाद बाहर निकलते हैं, वे कहते हैं कि कुछ नहीं हुआ।"

महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया कि 1 जुलाई को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता ने गृह मंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की और उसके तुरंत बाद सॉलिसिटर-जनरल मेहता के घर चले गए। तृणमूल के एक अन्य सांसद सुखेंदु शेखर रे ने भी आरोप लगाया कि यह बैठक हितों के टकराव और नियमों के खिलाफ थी।


तृणमूल कांग्रेस के तीन सांसदों ने शुक्रवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी से कथित मुलाकात पर सवाल उठाया था, जो नारदा मामले और शारदा चिटफंड घोटाले में जांच का सामना कर रहे हैं। पार्टी ने प्रधानमंत्री से मेहता को उनके पद से हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है।

हालांकि, इस विवाद के बाद तुषार मेहता ने सुवेंदु अधिकारी से किसी भी तरह की मुलाकात से इनकार किया है, लेकिन स्वीकार किया कि बंगाल के विधायक दोपहर 3 बजे अघोषित रूप से उनके कार्यालय-सह-निवास में आए थे। साथ ही मेहता ने दावा किया अधिकारी वहां लंबे इंतजार के बाद बिना उनसे मुलाकात किये चले गए।

मेहता ने कहा, "चूंकि मैं पहले से ही अपने कक्ष में एक पूर्व-निर्धारित बैठक में था, मेरे कर्मचारियों ने उनसे मेरे कार्यालय के प्रतीक्षा कक्ष में बैठने का अनुरोध किया। जब मेरी बैठक समाप्त हुई, तो मेरे पीपीएस ने मुझे उनके आगमन के बारे में सूचित किया। मैंने अपने पीपीएस से अनुरोध किया कि वे उन्हें बताएं कि मैं मिस्टर अधिकारी से मिलने में असमर्थ हूं और मांफी मांगे क्योंकि उन्हें इंतजार करना पड़ा।" मेहता ने आगे कहा कि सुवेंदु अधिकारी उनसे मिलने की जिद किए बिना वहां से चले गए। इसलिए अधिकारी से मेरी मुलाकात का सवाल ही नहीं उठता।

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