संघ ने सुझाया महाराष्ट्र में सरकार का फार्मूला, बीजेपी-शिवसेना का गतिरोध तोड़ने के लिए सौंपी गडकरी को कमान !
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणविस के संघ की शरण में जाने के बाद सरकार बनाने को लेकर जारी गतिरोध खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं। खबर है कि संघ ने मामला सुलटाने का जिम्मा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को जिम्मा सौंपा है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आने के 12 दिन बाद भी सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच गतिरोध बना हुआ है। शिवसेना नेता और सामना के संपादक संजय राउत लगातार बयान दे रहे हैं कि महाराष्ट्र में इस बार सीएम उनकी पार्टी का होगा, तो बीजेपी इस बात पर अड़ी हुई है कि सरकार तो देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में ही बनेगी।
सारी बयानबाज़ी के बीच शिवसेना ने संघ प्रमुख को पत्र लिखकर मामला सुलझाने और मध्यस्थता करने के लिए नितिन गडकरी को जिम्मेदारी सौंपने का आग्रह किया था, वहीं देवेदेंर फडणविस ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा था कि जल्द ही महाराष्ट्र में सरकार बन जाएगी। इसके बाद मंगलवार देर शाम देवेंद्र फडणविस ने पार्टी कोर कमेटी की बैठक बुलाई और उसके बाद सीधे संघ की शरण में जा पहुंचे।
उन्होंने नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से करीब घंटे भर बातचीत की। माना जा रहा है कि इस बैठक में सरकार के गठन को लेकर चर्चा हुई। अब न्यूज18 चैनल ने खबर दी है कि महाराष्ट्र में 7 या 8 नवंबर को सरकार का गठन हो सकता है। चैनल का दावा है कि आरएसएस ने बीजेपी और शिवसेना के बीच जारी गतिरोध तोड़ने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को सौंप सकता है। चैनल के सूत्रों का कहना है कि नितिन गडकरी दोनों दलों को एक मंच पर ला सकते हैं।
चैनल ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में सरकार न होने का खतरा न बीजेपी लेना चाहती है और न ही शिवसेना। सूत्र बताते हैं कि फडणविस ने मौजूदा और संभावित स्थितियों की सारी जानकारी संघ प्रमुख मोहन भागवत को दी, जिसके बाद संघ प्रमुख ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले महाराष्ट्र में स्थिर सरकार बनाने की राय दी।
उधर खबरें है कि बीजेपी की तरफ से बातचीत की कोई पहल न होने के बाद शिवसेना ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। शिवसेना के सूत्रों का कहना है कि इस समयावधि के बाद वह अपने प्लान बी पर काम करेगी। सूत्रों के मुताबिक प्लान बी के तहत शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी मिलकर सरकार बना सकते हैं जिसे कांग्रेस बाहर से समर्थन दे सकती है। गौरतलब है कि शिवसेना नेता संजय राउत एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मिल चुके हैं, जिसके बाद शरद पवार ने दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। हालांकि इस मुलाकात के बाद शरद पवार ने कहा था कि जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है, लेकिन बाद उनका एक बयान सामने आया था कि राजनीतिक परिस्थितियों में कुछ भी हो सकता है।
यहां बता दे कि 21 अक्टूबर को मतदान के बाद जब 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र में मतगणना हुई तो अंतिम नतीजों में किसी एक दल को बहुमत नहीं मिला है। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी के हिस्से में 105 सीटें, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं। इसके अलावा 13 निर्दलीय भी चुने गए हैं। बाकी सीटें अन्य दलों के हिस्से में गईं।
सरकार बनाने के लिए 145 सीटें चाहिए, जो इस समय किसी भी एक दल के पास नहीं हैं, ऐसे में कई किस्म गणित के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि शिवसेना और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन अब सरकार बनाने को लेकर दोनों दलों के बीत खींचतान चल रही है।
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