टूलकिट केसः क्लामेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को मिली जमानत, इससे पहले पुलिस ने निकिता-शांतनु से कराया आमना-सामना

दिल्ली की एक अदालत ने किसान आंदोलन से सबंधित टूलकिट मामले में गिरफ्तार क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को जमानत दे दी है। कोर्ट ने दिशा को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मंगलवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था।

फोटो सौजन्यः एनडीटीवी
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नवजीवन डेस्क

भारत में चल रहे किसान आंदोलन के संबंध में दुनिया की मशहूर क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा शेयर किये गए एक टूलकिट के मामले में गिरफ्तार पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को दिल्ली की कोर्ट से जमानत मिल गई है। पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा की अदालत ने एक लाख के निजी मुचलके पर दिशा को रिहा करने का आदेश दिया है। फिलहाल दिशा को आज जेल जाना होगा, जहां से कागजी कार्रवाई के बाद उनकी आज शाम या कल सुबह तक रिहाई हो सकेगी।

इससे पहले क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को किसानों के आंदोलन के समर्थन के लिए तैयार की गई ‘टूलकिट डॉक्यूमेंट’ की जांच के मामले में मंगलवार को दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के कार्यालय लाया गया, जहां उनसे निकिता और शांतनु को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ हुई। इसके बाद कोर्ट ने पहले से तय समय पर अपना सुरक्षित रखा फैसला सुनाया और दिशा को निजी मुचलके की शर्त पर जमानत दे दी।

बता दें कि सोमवार को अदालत ने दिशा रवि को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। पुलिस ने कहा था कि दिशा का मामले में अन्य आरोपियों निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के साथ आमना-सामना कराना है। जैकब और मुलुक सोमवार को पुलिस की जांच में शामिल हुए थे। दोनों से द्वारका में दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ के कार्यालय में पूछताछ की गई। इसके बाद आज दोनों का दिशा रवि के साथ सामना कराया गया।

गौरतलब है कि दुनिया की चर्चित क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में साझा किए गए ‘टूलकिट गूगल डॉक्यूमेंट’ की जांच के मामले में दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरू की जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया था। जबकि इस मामले में नाम आने पर जैकब और मुलुक ने अदालत से अग्रिम जमानत की मांग की थी, जो मंजूर हो गई थी। इसी बीच शांतनु मुलुक ने दिल्ली की अदालत में अपनी नियमित जमानत याचिका दायर की है, जिस पर 24 फरवरी को सुनवाई होगी।

दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि केंद्र के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के नाम पर भारत में हिंसा और अशांति फैलाने की साजिश के तहत यह टूलकिट तैयार की गई थी। बता दे कि केंद्र के तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर देश भर के हजारों किसान पिछले साल 26 जनवरी से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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