जहरीली हवा: 'दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति रोजाना 50 सिगरेट पीने की तरह', सुप्रिया सुले का सरकार पर हमला
सुप्रिया सुले ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति का उल्लेख करते हुए लोकसभा में कहा कि दिल्ली में घूमने का मलतब एक दिन में 50 सिगरेट पीने जैसा है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की स्थिति का उल्लेख करते हुए लोकसभा में कहा कि दिल्ली में घूमने का मलतब एक दिन में 50 सिगरेट पीने जैसा है। उन्होंने सदन में केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान यह टिप्पणी की।
सुले ने यह भी कहा कि सरकार को वायु प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए सांसदों का सहयोग लेना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में घूमने का मतलब एक दिन में 50 सिगरेट पीने जैसा है।’’ सुले का कहना था कि इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव जी से आग्रह है कि सांसदों से बात कीजिए और लक्ष्य दीजिए कि क्या किया जा सकता है।’’
विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना (उबाठा) के सांसद अनिल देसाई ने कहा कि लाखों किसान और श्रमिक तंबाकू उत्पादन क्षेत्र से जुड़े हैं और उनकी आजीविका का सवाल है।
उन्होंने कहा कि तंबाकू और पान-मसाला के सेवन को कम करने का प्रयास हर स्तर पर होना चाहिए। शिवसेना के रवींद्र वायकर ने कहा कि यह विधेयक युवाओं को धुएं से बचाने की दिशा में एक ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ है।
उन्होंने आग्रह किया कि उपकर से मिलने वाले राजस्व का बड़ा हिस्सा कैंसर अस्पताल और नशा मुक्ति केंद्र बनाने पर खर्च किया जाए।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) एक बार फिर जहरीली हवा की गिरफ्त में है। बुधवार की वायु गुणवत्ता पिछले दिनों की तुलना में और भी भयावह हो गई है।
दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अनेक इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से 430 के खतरनाक स्तर को पार करते हुए 450 के आसपास पहुंच गया है, जिससे पूरा इलाका एक 'गैस चैंबर' में तब्दील हो गया लगता है। इस भीषण प्रदूषण का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है और सांस, त्वचा समेत अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पतालों में तेजी से बढ़ रही है।
वायु प्रदूषण से जुड़े आंकड़े चौंकाने वाले हैं। दिल्ली में, आनंद विहार (402), चांदनी चौक (430), विवेक विहार (410) और वजीरपुर (402) जैसे इलाके 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच चुके हैं। आरके पुरम और रोहिणी में भी एक्यूआई 418 दर्ज किया गया है।
नोएडा की स्थिति इससे बेहतर नहीं है, जहां सेक्टर-116 (406), सेक्टर-125 (405) और सेक्टर-1 (397) में हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' से 'गंभीर' स्तर पर है। गाजियाबाद में भी इंदिरापुरम में 410, लोनी में 428 एक्यूआई बना हुआ है। इस भीषण प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्तर की खराब वायु गुणवत्ता पर लंबे समय तक रहने से सांस की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है। अस्पतालों के आपातकालीन विभागों और श्वास रोग विशेषज्ञों के क्लीनिकों में मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। न केवल अस्थमा और सीओपीडी जैसी पुरानी बीमारियों के मरीजों में समस्या बढ़ रही है, बल्कि स्वस्थ लोग भी आंखों में जलन, गले में खराश, लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ जैसी शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं।
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