अमृतसर हादसा में ट्रेन चालक का बयान: लगाए थे इमरजेंसी ब्रेक, लेकिन पटरी पर खड़ी भीड़ ने कर दिया था पथराव
अमृतसर रेल हादसे में पहली बार ट्रेन के चालक का बयान सामने आया है। चालक का कहना है कि उसने भीड़ देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाए थे, लेकिन भीड़ ने ट्रेन पर पथराव कर दिया तो यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर उनसे ट्रेन आगे बढ़ा दी।
शुक्रवार को अमृतसर के जौड़ा फाटक पर हुए रेल हादसे की जांच जारी है। इस बीच ट्रेन के चालक अरविंद कुमार का लिखित बयान सामने आया है। अरविंद कुमार ने कहा है कि, “घटना के दिन उसने भीड़ देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाए थे। लेकिन, भीड़ ने जब पथराव शुरू कर दिया तो यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन आगे बढ़ानी पड़ी।“
यह हादसा दशहरे के दिन हुआ था, जब रेल पटरी से सटे मैदान में रावण दहन हो रहा था। दहन होने के बाद भीड़ ने पीछे हटना शुरु कर दिया और पटरी पर जमा हो गई। इसी बीच वहां से ट्रेन गुजरी जिसकी चपेट में आकर 59 लोगों की मौत हुई और 60 से ज्यादा जख्मी हो गए।
अब ट्रेन के चालक अरविंद कुमार ने अपना लिखित बयान जारी किया है। अरविंद कुमार ने लिखा है कि, “शुक्रवार शाम को जालंधर सिटी से चलने के बाद जब गाड़ी जोड़ा फाटक के नजदीक पहुंची तो गाड़ी की दोनों साइड की येलो लाइट जली थीं और ट्रेन धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी। जब भीड़ ट्रैक पर आ गई तो इमरजेंसी ब्रेक लगाई थी, लेकिन भीड़ ने मुझ पर और ट्रेन पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद मजबूरन गाड़ी को आगे बढ़ाना पड़ा। अमृतसर स्टेशन पर पहुंचकर अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दे दी थी।“
इस बीच अमृतसर में हादसे वाली जगह पर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रहा। रविवार को रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने वहां पहुंची पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर पथराव कर दिया। पथराव में एक कमांडो और एक मीडियाकर्मी जख्मी हो गया। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया।
हादसे के बाद से यह रेलवे ट्रैक बंद था। 43 घंटे बाद रविवार को भारी सुरक्षा के बीच रेल सेवा शुरू हुई है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस हादसे के सभी पीड़ितों के सामाजिक और आर्थिक हालात की एक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। यह रिपोर्ट अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर को तैयार करनी है।
जानकारी मिली है कि दशहरे का आयोजन स्थानीय पार्षद ने कराया था। दशहरा कमेटी ने शनिवार को दावा किया था कि कार्यक्रम की अनुमति पुलिस से ले ली गई थी। मौके पर सुरक्षा में भी कुछ पुलिसकर्मी तैनात थे। दशहरा कमेटी के अध्यक्ष सौरभ मदान ने आयोजन के सिलसिले में अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी और सुरक्षा देने की अपील की थी। उन्होंने बताया था कि कार्यक्रम में पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हो सकते हैं और उनकी पत्नी भी उनके साथ मौजूद रहेंगी। पत्र मिलने के बाद डीसीपी ने इस पर जरूरी कार्रवाई के लिए इसे एएसआई कलप्रीत कौर को भेज दिया था।
डीसीपी के निर्देश के बाद मोखमपुरा के थानाध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा उन्हें इस कार्यक्रम में करीब 20 हजार लोगों के आने की उम्मीद थी। आयोजकों को इस आयोजन के लिए 17 अक्टूबर को अनुमति मिल गई थी।
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