BJP सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी की मुश्किल बढ़ी, FIR रद्द करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची झारखंड सरकार
देवघर एयरपोर्ट से निजी विमान के उड़ान भरने पर विवाद 31 अगस्त 2022 को हुआ था। आरोप है कि बीजेपी सांसदों ने एटीएस पर शाम में विमान को उड़ान भरने देने के लिए दबाव बनाया था। मामले में निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा सहित 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर हुई थी।

देवघर हवाई अड्डा पर कथित रूप से सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर उड़ान भरने के मामले में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। झारखंड सरकार ने मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने इस आधार पर एफआईआर रद्द कर दी थी कि विमान (संशोधन) अधिनियम, 2020 के अनुसार इस मामले में जांच के लिए कोई पूर्व मंजूरी नहीं ली गई थी।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। झारखंड सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दलील दी गई कि इस मामले में जांच जारी रखने के लिए संबंधित अथॉरिटी से सैंक्शन लेने की आवश्यकता नहीं है। इस पर बेंच ने झारखंड सरकार को उन आदेशों की कॉपी दाखिल करने को कहा, जिसमें जांच जारी रखने के लिए संबंधित अथॉरिटी से सैंक्शन लेने की जरूरत नहीं है।
दूसरी तरफ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी की तरफ से पेश वकील ने कहा कि इस तरह के मामले में जांच जारी रखने के लिए संबंधित अथॉरिटी से सैंक्शन लेना पड़ता है और इसी आधार पर झारखंड हाईकोर्ट ने फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले में 18 दिसंबर को अगली सुनवाई होनी है।
देवघर एयरपोर्ट से निजी विमान के उड़ान पर विवाद की यह घटना 31 अगस्त 2022 को हुई थी। इस मामले में देवघर एयरपोर्ट की सिक्योरिटी में तैनात डीएसपी सुमन अमन की शिकायत पर देवघर जिले के कुंडा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसमें बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने देवघर हवाई अड्डे पर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया।
आरोप में कहा गया कि बीजेपी सांसदों ने एटीएस पर शाम में निजी विमान को उड़ान भरने के लिए दबाव बनाया था। सांसद निशिकांत दुबे ने इस एफआईआर के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई के बाद 13 मार्च 2023 को हाईकोर्ट ने निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा सहित नौ लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया था।
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