ट्रंप ने फिर किया दावा- अगर मैं न होता, तो पाकिस्तान से युद्ध कर रहा होता भारत
आज संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा चल रही है। इस दौरान विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने किसी भी प्रकार की मध्यस्थता के दावों को खारिज किया है। लेकिन ट्रंप ने इसी बीच एक बार फिर दोनों देशों में युद्ध रुकवाने का दावा कर सरकार को बैकफुट पर ला दिया है।

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक बार फिर दावा किया कि यदि उन्होंने समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया होता और सभी व्यापार वार्ता रोकने की धमकी नहीं दी होती, तो भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया होता।
ट्रंप ने स्कॉटलैंड में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर के साथ आधिकारिक वार्ता से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने दुनिया भर में "छह बड़े युद्ध" को रोकने में हस्तक्षेप किया, जिनमें भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध भी शामिल है। वह गाजा में संघर्ष समाप्त करने के लिए इजराइल पर दबाव डालने के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
स्कॉटलैंड के साउथ आयरशायर स्थित अपने टर्नबेरी गोल्फ रिसॉर्ट से मीडिया को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘‘हमने कई युद्धविराम करवाए... अगर मैं नहीं होता, तो छह बड़े युद्ध चल रहे होते- भारत, पाकिस्तान के साथ लड़ रहा होता।’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘हमारे पास कई ऐसे तनावपूर्ण क्षेत्र हैं जो युद्ध की स्थिति में थे। मेरा मानना है कि एक बहुत बड़ा मामला भारत और पाकिस्तान का था क्योंकि आप दो परमाणु राष्ट्रों की बात कर रहे हैं। वह एक बहुत बड़ा मामला था।’’
ट्रंप शुक्रवार से स्कॉटलैंड की निजी यात्रा पर हैं। ट्रंप ने कहा, “मैं पाकिस्तान और भारत दोनों देशों के नेताओं को जानता हूं और बहुत अच्छी तरह जानता हूं। वे एक व्यापार समझौते की प्रक्रिया में थे और उसी समय परमाणु हथियारों की बात कर रहे थे,… यह बेतुका है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तो मैंने कहा, ‘यदि आप युद्ध करेंगे तो मैं आप लोगों के साथ कोई व्यापार समझौता नहीं करूंगा’ और वह ऐसा युद्ध होगा जो अन्य देशों तक फैल जाएगा। उसका परिणाम होता परमाणु प्रदूषण जो हम सभी को प्रभावित करता।’’
ट्रंप ने कहा, ‘‘जब वे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना शुरू कर देते, तो वह चीज (विकिरण) हर जगह फैलती और वह बहुत बुरी स्थिति होती। तो हो सकता है कि जब हम युद्ध को रोकना चाहते हैं, तब हम थोड़े स्वार्थी हों। लेकिन हमने कई युद्ध को रोका और यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है।’’
इस बीच भारत की संसद में विपक्ष की मांग पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा चल रही है। इस दौरान विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने किसी भी प्रकार की मध्यस्थता के दावों को खारिज किया है। हालांकि, उन्होंने और इससे पहले सरकार या प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार भी सीधे तौर पर यह नहीं कहा है कि ट्रंप गलत या झूठ बोल रहे हैं।
भारतीय सशस्त्र बलों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित घातक आतंकी हमले के जवाब में सैन्य कार्रवाई की थी, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया था। ये हमले सात से 10 मई तक जारी रहे थे। इसके बाद अचानक एक दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उसके बाद उनके उपराष्ट्रपति ने ऐलान किया कि हमारी कोशिशों से दोनों देश सीजफायर पर सहमत हो गए हैं। विवाद बढ़ने पर भारत ने दावा किया कि गोलीबारी भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच बातचीत के बाद रोकी गई थी।
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