ट्विन टॉवर: महज 9 सेकेंड में गगनचुंबी इमारत होगी जमींदोज, देश के रियल स्टेट का पहला किस्सा इतिहास में होगा दर्ज

लोगों को कुछ बातों की चिंता भी सता रही है। इमारत गिराए जाने के दौरान किसी तरह का कोई नुकसान न हो और इसी को सुनिश्चित करने के लिए एडिफिस के कर्मचारियों और अन्य अधिकारियों ने ध्वस्तीकरण को लेकर सभी मुख्य चीजों को क्रॉस चेक भी किया है।

फोटो: विपिन
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नवजीवन डेस्क

नोएडा के सेक्टर 93ए स्थित ट्विन टावर को आज ध्वस्त किया जाएगा, महज 9 सेकेंड में यह गगनचुंबी इमारत जमींदोज हो जाएगी। इस इमरात को गिराने में 17 करोड़ रुपये खर्च हुए, जिसका बोझ बिल्डर को ही उठाना पड़ा है। रियल स्टेट में यह देश में पहला ऐसा किस्सा होगा, जो इतिहास में दर्ज होने जा रहा है, क्योंकि यहां बनी बनाई इमारत को ध्वस्त किया जा रहा है। गिराने से पहले फाइनल ट्रिगर बॉक्स से कनेक्ट किया जाएगा। 10 से 0 तक के काउंडाउन के बाद ब्लास्ट होगा और इमारत जमीदोश हो जाएगी। इमारत को गिराए जाने के लिए ट्विन टॉवर स्थित लोगों को दूसरी सोसाइटी में पनाह दी गई है, सुपरटेक के एमरोल्ड सोसाइटी से सभी लोगों नें अपना मकान खाली कर कर दिया है।

पाश्र्वनाथ और सिल्वर सिटी में लोगों के रहने का इंतजाम



पाश्र्वनाथ और सिल्वर सिटी में लोगों के रहने का इंतजाम किया गया है। साथ ही उनके खाने-पीने का भी इंतजाम किया गया है। इमारत में होने जा रहे ब्लास्ट के बावजूद सभी सुरक्षित रहें, इसका ध्यान रखा जा रहा है। लोगों ने अपना कीमती और जरूरत का सामान पैक कर लिया है।

लोगों को सता रहा डर


हालांकि लोगों को कुछ बातों की चिंता भी सता रही है। पहला, इमारत गिराए जाने के दौरान किसी तरह का कोई नुकसान न हो और इसी को सुनिश्चित करने के लिए एडिफिस के कर्मचारियों और अन्य अधिकारियों ने ध्वस्तीकरण को लेकर सभी मुख्य चीजों को क्रॉस चेक भी किया है।

गैस पाइपलाइन को खासतौर पर रखा गया ख्याल

एडिफिस की ओर से गैस पाइपलाइन को खासतौर पर देखा गया है। एडिफिस के एक इंजीनियरिंग ने कहा, "गैस पाइपलाइन को सेक्टर 93ए पर रिक्टर स्केल 4 के अनुसार डिजाइन किया गया है। यह जमीन के नीचे 3 मीटर है। आसपास की सोसाइटी में इसी से गैस की सप्लाई होती है। इस को ध्यान में रखते हुए हमने इसके ऊपर प्लेट लगा रखी है। हमें 100 फीसदी पूरी उम्मीद है कि गेल गैस पाइप लाइनों के साथ कोई समस्या बिल्कुल भी नहीं होगी।"

ट्विन टॉवर को लेकर लोगों में उत्सुकता, बना सेल्फी प्वाइंट


इमारत को गिराए जाने को लेकर कुछ लोगों में उत्सुकता भी बनी हुई है, इसीलिए दिल्ली के मयूर विहार, गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक और आसपास के इलाकों से लोग इमारत के नजदीक पहुंच अपने कैमरे में कैद कर रहे हैं। अपने मोबाइल से सेल्फी ले रहे हैं और अपने परिवार और बच्चों को भी ट्विन टावर दिखा रहे हैं।

इसके अलावा जिन सोसाइटी से ट्विन टॉवर नजर आ रहा है, वहां लोग अपनी सोसाइटी की छत पर खड़े होकर भी ट्विन टॉवर की तस्वीर ले रहे हैं। हालांकि प्राधिकरण व नोएडा पुलिस नें भी कई तरह की पाबंदियां लगाई हुई हैं, वहीं एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है।

15 स्थानों पर एंटी स्मॉग गन, एक वाटर टैंकर की भी व्यवस्था


कंट्रोल रूम में तैनात अधिकारी सभी विभागों के साथ समन्वय रखेंगे। सुबह छह बजे से 30 अगस्त तक चौबिस घंटे संचालित होगा। वहीं ध्वस्तीकरण के बाद आवासीय परिसर के निकट धूल और वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए 15 स्थानों पर एंटी स्मॉग गन के साथ एक वाटर टैंकर की भी प्रबंध किया गया। जरूरत पड़ने पर और एंटी स्मॉग गन भी इस्तेमाल किया जा सकता है।


ध्वस्तीकरण के बाद करीब 28 हजार मीट्रिक टन मलबे का निस्तारण सेक्टर-80 के सीएंडडी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट पर साइंटिफिक तरीके से किया जाएगा। साफ-सफाई के लिए चार मैकेनिकल और 100 सफाईकर्मी मौजूद रहेंगे। सड़क फुटपाथ सेंट्रल वर्ज और पेड़ पौधों की धुलाई के लिए 50 वाटर टैंकर्स लगाए जाएंगे। पार्क में धूल के निस्तारण के लिए तीन वाटर टैंकर लगाए गए हैं।

पुलिस ने सुबह 7 बजे से ट्विन टावर के आसपास की सड़कों को किया बंद


इसके साथ ही इमारत को ध्वस्त करने के दौरान आवगमन पर भी असर पड़ेगा, इसलिए ट्रैफिक पुलिस ने सुबह 7 बजे से ट्विन टावर के आसपास की सड़कों को बंद कर दिया है और किसी को भी बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। बहुत ज्यादा इमरजेंसी होने पर ही गाड़ी को बाहर जाने की परमिशन मिल रही है।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर चलने वाले वाहनों को भी ब्लास्ट के दौरान रोक दिया जाएगा, ब्लास्ट के करीब आधे घंटे तक यह ट्रैफिक रुका रहेगा। मौजूदा स्थिति को देखकर समय सीमा बढ़ भी सकती है। सिर्फ फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस गाड़ियों को इमरजेंसी में जाने की इजाजत है।

अस्पतालों में इमरजेंसी सुविधा को लेकर अलर्ट


साथ ही साथ ट्विन टावर के आसपास के जिन अस्पतालों को इमरजेंसी सुविधा के लिए चयनित किया गया है, अगर किसी को इमरजेंसी में वहां ले जाना पड़ा तो उसके लिए अलग कॉरिडोर बनाकर उसे वहां ले जाया जाएगा।

ट्विन टावर में एक 103 मीटर ऊंचा है तो दूसरा टावर 97 मीटर ऊंचा है, इन दोनों टावर को गिराने के लिए सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ी। पहले यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा तो उसके बाद यह सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। दोनों अदालतों ने इस टावर को गिराने का आदेश दिया था।

एपेक्स टावर 32 फ्लोर का और सियान टावर 29 फ्लोर का है। दोनों टॉवर में 915 फ्लैट थे, जिनमें से 633 फ्लैट बुक हो चुके थे। वहीं कंपनी ने इन फ्लैट बायर्स से 180 करोड़ की वसूली भी की, अब सुपरटेक को 12 फीसदी की दर से इन बायर्स को पैसे लौटाने होंगे।

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