मणिपुर में हथियारों के साथ केसीपी के दो उग्रवादी गिरफ्तार, लोगों ने 20 और आग्नेयास्त्र पुलिस को सौंपे
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को संघर्षरत समूहों से अपील की थी कि वे सुरक्षा बलों से लूटे गए या अवैध रूप से रखे हथियारों को स्वेच्छा से सात दिनों के भीतर सौंप दें। इस सात दिवसीय अवधि के दौरान जनता द्वारा 300 से अधिक आग्नेयास्त्र सौंपे गए हैं।

मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले में प्रतिबंधित संगठन कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप) के दो उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार उग्रवादियों की पहचान युमनाम अबुंग सिंह उर्फ चिंगकपा (39) और थंगजाम जॉयकुमार सिंह (52) के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि उन्हें रविवार को एंड्रो इलाके में कैम्फोर सुंगफाम के पास नगारियान हिल्स में एक पहाड़ी पर उनके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार उग्रवादी हथियार और गोला-बारूद को लाने-ले जाने और सरकारी अधिकारियों, निजी कंपनियों और आम जनता से जबरन वसूली में कथित तौर पर शामिल थे। उन्होंने बताया कि उग्रवादियों के पास से नौ एमएम की दो पिस्तौल, दो मैगजीन, दो चीनी हथगोले, नौ एमएम के 10 कारतूस, इंसास राइफल के 5.56 एमएम के 10 कारतूस और इंसास की एक राइफल मैगजीन जब्त की गई।
इस बीच जातीय हिंसाप्रभावित मणिपुर के चार जिलों में लोगों ने 20 और आग्नेयास्त्र पुलिस को सौंपे हैं। इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, विष्णुपुर और जिरिबाम जिलों में रविवार को यह हथियार पुलिस को सौंपे गए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इंफाल पूर्व जिले के पोरमपट स्थित एसडीपीओ कार्यालय में तीन आग्नेयास्त्र सौंपे गए जबकि विष्णुपुर जिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के समक्ष चार आग्नेयास्त्र, तीन ग्रेनेड और अन्य हथियार सौंपे गए। उन्होंने कहा कि जिरिबाम, वांगोई और सेकमाई थानों में भी हथियार सौंपे गए हैं।
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को संघर्षरत समूहों से अपील की थी कि वे सुरक्षा बलों से लूटे गए या अवैध रूप से रखे हथियारों को स्वेच्छा से सात दिनों के भीतर सौंप दें। इस सात दिवसीय अवधि के दौरान जनता द्वारा 300 से अधिक आग्नेयास्त्र सौंपे गए हैं। राज्यपाल ने पहाड़ी और घाटी क्षेत्रों के लोगों की मांग पर हथियार सौंपने के लिए समयसीमा बढ़ाकर छह मार्च शाम चार बजे तक कर दी है। इसके बाद, राज्य के विभिन्न हिस्सों में और अधिक हथियार सौंपे गये।
मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच मई 2023 से हो रही जातीय हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गये हैं। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी को राज्य विधानसभा निलंबित करने के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia