उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को भंग करने की उठाई मांग, कहा- निष्पक्ष आयोग के गठन तक सुप्रीम कोर्ट देखे काम

उद्धव ठाकरे ने पूमहाराष्ट्र के नए राजनीतिक घटनाक्रम को शिवसेना को व्यवस्थित रूप से नष्ट करने की बीजेपी की रणनीति करार दिया। उन्होंने कहा कि मेरा सब कुछ लूट लिया गया है। हमारी पार्टी का नाम और चिन्ह चोरी हो गया है लेकिन 'ठाकरे' नाम चोरी नहीं हो सकता।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने एक चौंकाने वाले बयान में आज कहा कि भारतीय चुनाव आयोग का शिवसेना के नाम और चिन्ह पर फैसला 'अस्वीकार्य' है। इसके साथ ही उन्होंने मांग उठाई कि आयोग को 'भंग' कर दिया जाना चाहिए और निष्पक्ष चुनाव आयोग के गठन तक इसका काम सुप्रीम कोर्ट को सौंप देना चाहिए।

उद्धव ठाकरे ने पिछले शुक्रवार के चुनाव आयोग के फैसले को 'गलत' करार दिया और कहा कि उनकी पार्टी ने सोमवार को इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस तरह के अलोकतांत्रिक फैसले धन-बल के आधार पर नहीं लिए जा सकते, यह एक असंवैधानिक फैसला है। हम मांग करते हैं कि चुनाव आयोग को भंग कर दिया जाए, एक निष्पक्ष चुनाव आयोग नियुक्त किया जाए और तब तक इसका काम सुप्रीम कोर्ट देखे।


पूर्व मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र के नए राजनीतिक घटनाक्रम को शिवसेना को व्यवस्थित रूप से नष्ट करने की भारतीय जनता पार्टी की रणनीति करार दिया। उन्होंने कहा कि मेरा सब कुछ लूट लिया गया है। हमारी पार्टी का नाम और चिन्ह चोरी हो गया है लेकिन 'ठाकरे' नाम चोरी नहीं हो सकता। चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, कल से सुनवाई शुरू होगी।

पिछले हफ्ते शुक्रवार को चुनाव आय़ोग ने सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'असली' शिवसेना घोषित करते हुए उसे मूल पार्टी का नाम शिवसेना और तीर-धनुष का चुनाव चिन्ह देने का फैसला सुनाया था। आयोग के इस फैसले का उद्ध ठाकरे ने कड़ा विरोध करते हुए इसे असंवैधानिक के साथ अलोकतांत्रिक बताया था। नाराज शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना के नाम और चिन्ह को हड़पने के लिए 2000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई और साथ ही उन्होंने आने वाले दिनों में इस पर और खुलासा करने की चेतावनी दी।

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