शिवसेना पर चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देंगे उद्धव, बोले- मोदी नाम महाराष्ट्र में नहीं चलता इसलिए...

उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने से पहले फैसला नहीं देना चाहिए था। यदि विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी का अस्तित्व तय होगा, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

चुनाव आयोग द्वारा आज शिवसेना विवाद में पार्टी का नाम तीर-धनुष वाला चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को देने के फैसले को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मीडिया को संबोधित किया और चुनाव आयोग के फैसले पर नाराजगी जताई और शिंदे गुट पर जमकर निशाना साधा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम निश्चित तौर पर चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश को रद्द कर देगा और 16 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैंने कहा था कि चुनाव आयोग को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिकाओं पर कोई फैसला आने से पहले फैसला नहीं देना चाहिए। यदि विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी का अस्तित्व तय किया जाता है, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है।

इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने ताजा घटनाक्रम पर बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्हें पहले बालासाहेब को समझना चाहिए। उन्हें पता चल गया है कि 'मोदी' नाम महाराष्ट्र में काम नहीं करता है इसलिए उन्हें अपने फायदे के लिए बालासाहेब का मुखौटा अपने चेहरे पर लगाना होगा। यही उनकी मजबूरी है।


इससे पहले 'शिवसेना' और उसके चुनाव चिह्न् 'तीर-कमान' को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता वाली बालासाहेबंची शिवसेना गुट को देने के चुनाव आयोग के कदम की आलोचना करते हुए शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने कहा कि यह सच्चाई और न्याय का मजाक है। राउत ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना पर 40 लोगों ने दावा किया और चुनाव आयोग ने इसे मंजूरी दे दी। स्क्रिप्ट पहले ही लिखी जा चुकी थी और तैयार थी। देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है और गद्दार कहता रहा कि (ईसी) फैसला उसके पक्ष में होगा। चमत्कार हुआ है! लड़ते रहो।

दूसरी ओर, शिंदे, शंभूराज देसाई और अन्य सहित बीएसएस नेताओं ने चुनाव आयोग के कदम का स्वागत किया और कहा कि वह अब नए नाम और प्रतीक के तहत तुरंत काम करना शुरू कर देंगे। शिंदे ने कहा कि यह हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे और आनंद दीघे, सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों (विधायकों और सांसदों) के आदर्शों और लाखों कार्यकर्ताओं के आदर्शों की जीत है। यह लोकतंत्र की जीत है और चुनाव आयोग का फैसला गुण-दोष के आधार पर हमारे पक्ष में आया है। हमारी सरकार संविधान, बहुमत के समर्थन और जनादेश के आधार पर बनी थी।

चुनाव आयोग के फैसले को सत्तारूढ़ सहयोगी राज्य भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी 'ऐतिहासिक' बताया और इसे 'सत्यमेव जयते' कहा। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों पर चलने वाली शिंदे की पार्टी को 'शिवसेना' नाम और 'तीर-कमान' चिन्ह दिया गया है। फडणवीस ने कहा कि वह फैसले को लेकर आशान्वित थे क्योंकि चुनाव आयोग ने इसी तरह के मामलों में अपने पिछले फैसलों पर भरोसा किया है और इसलिए दूसरे पक्ष के दबाव के बावजूद स्वतंत्र और निडर तरीके से शिंदे के पक्ष में फैसला सुनाया।


वहीं शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने कहा कि पार्टी चुनाव आयोग के फैसले को कानूनी चुनौती देगी और अगली लड़ाई अदालतों में लड़ी जाएगी। उन्होंने सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों को तैनात करने और सार्वजनिक कार्यालयों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया, जिसके कारण जून 2022 में पूर्ववर्ती महा विकास अघडी (एमवीए) सरकार गिर गई।

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