UGC ने पीएचडी दाखिले के नियम में किया बड़ा बदलाव, अगले सत्र से नेट पास किए बिना नहीं मिलेगा एडमिशन

इससे साथ ही यूजीसी ने वर्तमान में एमफिल और पीएचडी छात्रों को बड़ी राहत प्रदान की है। यूजीसी ने एमफिल और पीएचडी छात्रों द्वारा थीसिस जमा करने की अंतिम तिथि में छह महीने का एक्सटेंशन दिया है। अब ये छात्र अगले वर्ष 30 जून तक अपनी थीसिस जमा करवा सकते हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने पीएचडी दाखिले के नियम में बड़ा बदलाव करते हुए नए मानदंड तय किए हैं। यूजीसी के नए नियमों के मुताबिक अगले सत्र से पीएचडी में दाखिले के लिए नेट परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। हालांकि, जिन्होंने पीएचडी और एमफिल में पहले ही आवेदन कर दिया है या प्रवेश ले लिया है, उन्हें इस फैसले से अलग रखा गया है।

दरअसल नई शिक्षा नीति के अनुरूप यूजीसी उच्च शिक्षा में विशेष रूप से प्रवेश प्रक्रिया में नए बदलाव ला रहा है। इसी के तहत फैसला किया गया है कि सभी पीएचडी दाखिलों के लिए नेट उतीर्ण करना अनिवार्य होगा। लेकिन उन लाखों छात्रों को जिन्होंने पीएचडी और एमफिल में पहले ही आवेदन कर दिया है या प्रवेश मिल गया है, उन्हें इस फैसले से अलग रखा गया है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश भर के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को इस नियम से अवगत कराया है। देश भर के सभी विश्वविद्यालयों में पीएचडी दाखिले को लेकर इस नए नियम को लागू कर दिया गया है। हालांकि नए नियम के आधार पर दाखिले अगले वर्ष से शुरू होंगे। गौरतलब है कि यूजीसी द्वारा पीएचडी दाखिले के लिए बनाए गए यह नियम शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से लागू होंगे।


इससे पहले यूजीसी ने एमफिल और पीएचडी छात्रों को बड़ी राहत प्रदान की है। यूजीसी ने राहत देते हुए एमफिल और पीएचडी छात्रों द्वारा थीसिस जमा करने की अंतिम तिथि में छह महीने का एक्सटेंशन दिया है। यूजीसी द्वारा जारी किए गए इस निर्देश के मुताबिक अब एमफिल और पीएचडी कर रहे छात्र अगले वर्ष 30 जून तक अपनी थीसिस जमा करवा सकते हैं। इससे पहले यह थीसिस इसी वर्ष 31 दिसंबर तक जमा करवाई जानी थी।

यह दूसरा अवसर है जब यूजीसी ने थीसिस जमा करने के लिए 6 महीने का एक्स्टेंशन दिया है। इससे पहले मार्च महीने में 6 महीने का समय बढ़ाया गया था। दरअसल कोरोना संकट के चलते कई छात्र समय पर अपनी पीएचडी थीसिस जमा नहीं करा सके हैं। इसी के चलते यूजीसी ने थीसिस जमा कराने की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है।


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी ) के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर, संस्थानों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों को सर्कुलर जारी करते हुए फैकल्टी ( संकायों) में स्थायी नियुक्तियों के संदर्भ में निर्देश भी जारी किए हैं। गौरतलब है कि अकेले दिल्ली विश्वविद्यालय में ही विभिन्न विभागों में 1अप्रैल 2021 के अनुसार सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के करीब 846 पद खाली हैं। इन विभागों में 1706 पदों में से 860 पदों पर नियुक्ति की गई है, बाकी पद रिक्त पड़े हैं।

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