दिल्ली की अवैध कॉलोनियां होंगी नियमित, चुनाव से चंद माह पहले 4 साल से लटके प्रस्ताव को मोदी सरकार ने दी मंजूरी

माना जाता है कि दिल्ली की इन अवैध कॉलोनियों में सबसे ज्यादा यूपी-बिहार के लोग रहते हैं और उनकी संख्या 40 लाख से ज्यादा है और वे यहां की कई विधानसभा सीटों पर सीधा असर डालते हैं। ऐसे में इस फैसले को बीजेपी का चुनावी दांव माना जा रहा है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले राजधानी की अवैध कॉलोनियों में रहने वालों को दीवाली के मौके पर बड़ी राहत मिली है। बुधवार को मोदी सरकार ने कैबिनेट बैठक में दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला लिया। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में दिल्ली सरकार द्वारा साल 2015 में इन कॉलोनियों को निय़मित करने के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई।

कैबिनेट के फैसले का ऐलान करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कैबिनेट ने दिल्ली की अवैध कॉलोनियों में रहने वाले 40-50 लाख लोगों को राहत देते हुए ऐतिहासिक फैसला लिया है। कैबिनेट ने दिल्ली में 11 साल से लंबित अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला लिया है। केंद्र के फैसले का इन अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।


गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में अवैध कॉलोनियां का मुद्दा हमेशा से उठता रहा है। हर चुनाव के दौरान इन अवैध कॉलोनियों का मुद्दा नेता खूब जोरशोर से उठाते रहे हैं। इन कॉलोनियों को नियमित करने के वादे के साथ साल 2015 में दिल्ली की सत्ता में आई केजरीवाल सरकार ने 2 नवंबर 2015 को इन अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव केंद्र के पास मंजूरी के लिए भेजा था, जो अब तक लंबित था।

कहा जा रहा है कि अगले साल की शुरुआत में दिल्ली के चुनाव को देखते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार ने अब ये फैसला लिया है। माना जाता है कि दिल्ली की इन अवैध कॉलोनियों में सबसे ज्यादा यूपी-बिहार के लोग रहते हैं और उनकी संख्या 40 लाख से ज्यादा है और वे कई विधानसभा सीटों पर सीधा असर डालते हैं। ऐसे में इस फैसले को बीजेपी का चुनावी दांव माना जा रहा है

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