यूपी की जेल में विचाराधीन कैदी ने की खुदकुशी, पुलिस पर लगाया जानबूझकर फंसाने का आरोप

पुलिस की ओर से बताया गया है कि रूपेश को जेल में सर्कल नंबर एक के बैरक नंबर 23 में रखा गया था और मंगलवार को वह बैरक के कमरे में गले में गमछा बंधा हुआ पाया गया था। पुलिस ने कहा है कि रूपेश को जेल के एक डॉक्टर द्वारा जांच करने पर मृत पाया गया था।

प्रतीकात्मक फोटो
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के गोसाईंगंज की जिला जेल के अंदर एक विचाराधीन कैदी का शव लटका हुआ पाया गया है। वहां छोड़े एक सुसाइड नोट में मृतक कैदी ने दावा किया कि वह निर्दोष है और यूपी पुलिस ने उसे जान-बूझकर फंसाया है। वहीं, पुलिस का दावा है कि उसने आत्महत्या की है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उसकी रिपोर्ट का इंतजार है।

मिली जानकारी के अनुसार मृतक की पहचान सीतापुर जिले के बिसवां मोहल्ले के 25 वर्षीय रूपेश कुमार के रूप में हुई है। उसे गोसाईंगंज पुलिस ने इसी साल 12 अगस्त को डकैती के एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।


पुलिस की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि रूपेश को जेल में सर्कल नंबर एक के बैरक नंबर 23 में रखा गया था और मंगलवार को वह बैरक के कमरे में गले में गमछा बंधा हुआ पाया गया था। ज्ञापन में कहा गया है कि रूपेश को जेल के एक डॉक्टर द्वारा जांच करने पर मृत पाया गया था।

गोसाईंगंज जिला जेल के अधिकारियों ने कहा कि मृतक कैदी के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसके अनुसार वह निर्दोष है और पुलिस ने उसे मामले में झूठे तरीके से फंसाया है।
सुसाइड नोट में मामले की न्यायिक जांच की मांग भी की गई है।

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