बेरोजगारों की उम्मीदों-सपनों से खिलवाड़ कर रही योगी सरकार, रोजगार मेले में 950 किमी दूर ₹7000 की नौकरी की पेशकश

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जो रोजगार मेला लगाया, उसमें बेरोजगारों के सपनों और उम्मीदों से खिलवाड़ ही हुआ, क्योंकि सिर्फ ₹7000 की पगार पर 950 किलोमीटर दूर जाकर नौकरी करने की पेशकश की जा रही है। साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ लाखों नौकरियों के दावे कर रहे हैं।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर की पूजा चौधरी और लक्ष्मी पटेल ने प्रधानमंत्री द्वारा स्किल इंडिया की खूबियों को लेकर दिए गए बयानों को सुनकर कसया के प्रधानमंत्री कौशल केंद्र में तीन महीने का कोर्स किया। उम्मीद थी, कोर्स करने से उन्हें अच्छी नौकरी मिल जाएगी। केंद्र प्रभारी के फोन के बाद दोनों 9 फरवरी को गोरखपुर में आयोजित रोजगार मेले में पहुंचीं तो बायोडाटा लेते हुए कंपनी के प्रतिनिधियों ने कहा कि सात हजार सैलरी मिलेगी और राजस्थान जाना होगा। खिन्न होकर कतार से अलग हुईं पूजा और लक्ष्मी ने नाराजगी जताते हुए कहाः मजाक है यह रोजगार मेला। कुशीनगर या गोरखपुर में 7 हजार की सैलरी मिले तो गनीमत है। पर, कम-से-कम 950 किलोमीटर दूर राजस्थान भेजने की शर्त साबित कर रही है कि यहां बेरोजगारों के सपनों से खेला जा रहा है।

दरअसल, रोजगार के मुद्दे पर घिरीं बीजेपी सरकारें अब आंकड़ों की बाजीगिरी कर कागजी रोजगार बांट रहीं हैं। खुद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद- गोरखपुर, में इसी खेल के तहत पलक झपकते ही 5,000 से अधिक लोगों को रोजगार दे दिया गया। यहां 91 कंपनियों के प्रतिनिधियों ने 4 घंटे में 15 हजार से अधिक अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया। आईटीआई, सेवायोजन कार्यालय और प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्रों के साझा प्रयास से लगे इस रोजगार मेले में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से 15 हजार से अधिक बेरोजगार काफी उम्मीदें लेकर पहुंचे थे। मेले को लेकर दावा किया गया कि विभिन्न सेक्टर की 91 कंपनियों ने 5,117 बेरोजगारों को रोजगार दिया है। दावे के उलट न तो किसी अभ्यर्थी के हाथ में ऑफर लेटर दिखा, न ही नियुक्ति पत्र।


मेले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों 10 बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र मिला। इनमें से राहुल कुमार, राकेश, रामसिंह और रवींद्र को नई दिल्ली की सेलेबी एयरपोर्ट सर्विस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में 17,551 रुपये मासिक की नौकरी मिली है। कंपनी एयरपोर्ट समेत अन्य स्थानों पर साफ-सफाई के कर्मचारियों को आउटसोर्स करती है। मुख्यमंत्री से नियुक्ति पत्र पाने वाले राहुल कुमार ने बताया, “कंपनी ने अभी यह साफ नहीं किया है कि मेरा जॉब प्रोफाइल क्या है।“ समाजवादी पार्टी नेता जियाउल इस्लाम कहते हैं, “बेरोजगारों की उम्मीदों और सपनों से खेलने वाली सरकार को सफाई कर्मचारी की नौकरी देनी है, तो गोरखपुर नगर निगम बुरी जगह थोड़े ही है। यहीं 8000 रुपये की नौकरी मिल रही है।“

रोजगार मेले को लेकर दावा किया गया था कि 75 कंपनियां 7,000 से अधिक युवाओं को रोजगार देंगी। कहने को मेले में 91 कंपनियां पहुंचीं, लेकिन हकीकत में यह मेला किसी मजाक से कम नहीं था। कई कंपनियों ने खुले में अभ्यर्थियों से बॉयोडाटा ले लिया और बोलीं, “फोन कॉल जाएगी।“ सर्वाधिक मैन पॉवर आउटसोर्स करने वाली कंपनियां थीं। दिलचस्प यह है कि सिक्योरिटी कंपनी और बीमा कंपनियों के एजेंट की भर्ती को भी बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया। बाराबंकी से आए सुनील कुमार बताते हैं कि उन्होंने एलआईसी और निजी बीमा एजेंसी के काउंटर पर साक्षात्कार दिए। वहां बताया गया कि एजेंट का काम करना है। जितनी पालिसी देंगे, उतना इंटेन्सिव बनेगा।

सबसे अधिक निराशा प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र से इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन का कोर्स करने वाली सैकड़ों लड़कियों को हुई। गोरखपुर के चैरीचैरा केंद्र से कोर्स करने वाली रीना गुप्ता, पारो, अन्नू, प्रेमलता आदि ने बताया कि, “राजस्थान में बतौर नर्सिंग स्टाफ काम करने के लिए 7,000 रुपये मासिक वेतन देने की बात की जा रही है, इससे बेहतर तो यहीं झाड़ू उठा लें, इससे अधिक कमा लेंगे। समझ में नहीं आ रहा 20 सेकेंड में कौन-सा इंटरव्यू हो रहा है। स्किल इंडिया का नारा अब गुस्सा दिलाता है।“

मेले में पहुंचे देवरिया के संदीप यादव को उम्मीद थी कि छह महीने पहले गोरखपुर के गोला में आयोजित रोजगार मेले में जो झटका मिला था, उससे कुछ राहत मिलेगी। संदीप बताते हैं कि, “देवरिया से आईटीआई किया है। छह महीने पहले गोला में मारुति कंपनी ने साक्षात्कार लिया था। साथ में आईटीआई करने वाले 10 छात्रों को यह कहते हुए ऑफर लेटर मिला कि 11,500 रुपये सैलरी मिलेगी। दो महीने 8,000 रुपये सैलरी मिली। लगा, आगे ठीक हो जाएगा। इसके उलट 8 घंटे के बजाए 10 घंटे की नौकरी की शर्त लगा दी। हमने सैलरी बढ़ाने की शर्त रखी तो बाहर निकाल दिया गया। यहां इस उम्मीद में आए थे कि घर पर ही काम मिल जाएगा। यहां झाड़ू लगाने और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिल रही है।“


48 घंटे में बढ़ गईं 2 लाख नौकरियां

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में रोजगार मिलने की दर क्या है, इसे उनके दो बयानों से समझा जा सकता है। लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो में बीते 7 फरवरी को मुख्यमंत्री ने दावा किया कि यूपी में 500 अरब का निवेश होगा और 3 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। ठीक दो दिनों बाद गोरखपुर में बेरोजगार युवकों की फौज देख बोले, “रक्षा उत्पाद बनाने वाली कंपनियां यूपी में 500 अरब का निवेश करेंगी। इससे 5 लाख युवाओं को नौकरी मिलेगी। यानी, 2 दिनों के बयानों में 2 लाख नौकरियों में इजाफा हो गया। रोजगार मेले में मुख्यमंत्री ने दावा किया, “प्रदेश की हर तहसील में एक आईटीआई और कौशल विकास केंद्र खुलेगा। युवाओं को उद्योगों की जरूरत के मुताबिक तैयार करेंगे। छात्र-छात्राओं को उद्योगों में इंटर्नशिप कराई जाएगी। इंटर्नशिप के दौरान सरकार छात्रों को ढाई हजार रुपये मानदेय भी देगी।“

मुख्यमंत्री का दावा है कि यूपी देश का पहला राज्य है जो तीन वर्ष के अंदर 2.50 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सफल रहा है। योगी का दावा है कि इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से 2.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आने के साथ ही 35 लाख नौजवानों को नौकरी और रोजगार से जोड़ा गया है।

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