कृषि कानून: आंदोलन कर रहे किसानों पर केंद्रीय कृषि मंत्री का आया बयान, बताया- किन विकल्पों पर सरकार चर्चा को है तैयार
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि यदि किसान संगठन नए कृषि बिलों को निरस्त करने के अलावा अन्य विकल्पों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, तो सरकार उनसे बात करने के लिए तैयार है। कुल मिलाकर सरकार अभी भी वहीं अटकी हुई कि वह कानून को वापस नहीं लेगी।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर किसान जमे हुए हैं। किसान, कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग लेकर अड़े हुए हैं। उधर, केंद्र की मोदी सरकार इस बात के लिए राजी नहीं है। किसानों के आंदलोन पर एक बार फिर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बायान आया है। उनके बयान में कोई नयापन नहीं है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि यदि किसान संगठन नए कृषि बिलों को निरस्त करने के अलावा अन्य विकल्पों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, तो सरकार उनसे बात करने के लिए तैयार है। कुल मिलाकर सरकार अभी भी वहीं अटकी हुई कि वह कानून को वापस नहीं लेगी। वहीं, किसानों का कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं होगा वह आंदोलन वापस नहीं लेंगे।
उधर, किसान नेता राकेश टिकत देशभर के दौरे पर हैं किसानों के लिए समर्थन जुटा रहे हैं। उन्होंने बंगाल चुनाव के दौरान किसानों के बीच पहुंच कर केंद्र सरकार की नीतियों को समझाया था। उन्होंने बताया था कि कैसे मोदी सरकार किसानों के खिलाफ काम कर रही है। चुनाव के नतीजों के आने के बाद आज राकेश टिकैत बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगी। उन्होंने कहा कि मैं आज दोपहर करीब 3 बजे सीएम ममता बनर्जी से मिलूंगा। हम कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्थानीय किसानों के बारे में बात करेंगे।
राकेश टिकैत ने कहा, “बंगाल के किसान नीतियों पर सरकारों से खुलकर बात करें। जैसे उत्तर प्रदेश में 12 साल से हर महीने डीसी के साथ बैठक होती है, सारे अधिकारी आते हैं। यह हर जिले में लागू हो। डीएम को निर्देश दिया जाए कि हर महीने किसानों और यूनियन के लोगों से वहां के मुद्दों पर बैठकर बातचीत करें।”
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Published: 09 Jun 2021, 10:31 AM