उन्नाव रेप पीड़िता ने राष्ट्रपति, पीएम और सीएम को लिखा पत्र, सेंगर की जमानत पर रिहाई का किया विरोध

पीड़िता ने एक वीडियो और लिखित बयान के जरिये राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर आशंका जताई है कि उसका और उसके परिवार के सदस्यों का जीवन खतरे में है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने का पीड़िता ने विरोध किया है। सेंगर को 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हाईकोर्ट ने 16 जनवरी को सेंगर को बेटी की शादी के मद्देनजर 27 जनवरी से 10 फरवरी तक दो सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी है।

पीड़िता ने एक वीडियो और लिखित बयान के माध्यम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर आशंका जताई है कि उसका और उसके परिवार के सदस्यों का जीवन खतरे में आ सकता है। सोशल मीडिया पर साझा पत्र में उसने दावा किया कि सेंगर के परिवार के सदस्यों द्वारा रची गई साजिश के कारण उसके चाचा को उसकी बहन की शादी में आने के लिए अंतरिम जमानत नहीं मिल सकी थी।

जमानत देने के उसी दिन हाईकोर्ट ने पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में सेंगर की जमानत याचिका पर सुनवाई भी स्थगित कर दी। सेंगर का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ से न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता के समान शर्त लगाने और जमानत अर्जी मंजूर करने का अनुरोध किया था। पीड़िता के वकील ने अदालत के समक्ष आवेदन की एक प्रति की मांग की। अदालत ने तब सेंगर के वकील को पीड़िता को आवेदन की एक प्रति देने का निर्देश दिया और मामले को 19 जनवरी के लिए स्थगित कर दिया।


दुष्कर्म मामले में जस्टिस गुप्ता ने चिंता जताते हुए कहा था कि इतने दिनों से सेंगर की बेटी की शादी की रस्में तय हैं और कुछ ही दिनों में सबकुछ कैसे हो सकता है। सेंगर का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अदालत के समक्ष कहा कि तारीखें पिता और पंडित द्वारा तय की गई हैं।
सेंगर की ओर से पेश दो वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन और पी.के. दुबे ने अदालत को सूचित किया कि चूंकि सेंगर परिवार में एकमात्र पुरुष सदस्य है, इसलिए उसे शादी की सभी तैयारियां करनी हैं, जो गोरखपुर और लखनऊ में होने वाली हैं।

इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कहा था कि एजेंसी ने एक स्थिति रिपोर्ट दायर की है और यह पाया गया है कि शादी की रस्मों के लिए दो हॉल बुक किए गए हैं। हाईकोर्ट ने 22 दिसंबर, 2022 को नोटिस जारी किया था और सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह सेंगर की जमानत याचिका के तथ्यों को सत्यापित करे और रिकॉर्ड पर स्थिति रिपोर्ट पेश करे।

सेंगर ने 19 दिसंबर को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए अदालत से दो महीने की अंतरिम जमानत मांगी थी, जो 8 फरवरी, 2023 को होनी है और समारोह 18 जनवरी से शुरू है। दुष्कर्म के मामले में ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ सेंगर की याचिका हाईकोर्ट में लंबित है, जिसमें उसने ट्रायल कोर्ट के 16 दिसंबर, 2019 के फैसले को रद्द करने और 20 दिसंबर, 2019 के आदेश को खारिज करने जैसी राहत मांगी थी।

ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को आईपीसी की धारा 376 (2) (एक लोक सेवक द्वारा किया गया दुष्कर्म) सहित विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया था और उस पर 25 लाख रुपये का अनुकरणीय जुर्माना भी लगाया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1 अगस्त को इस मामले से जुड़े सभी पांच मामलों को उन्नाव से दिल्ली ट्रांसफर करने के निर्देश के बाद 5 अगस्त, 2019 को ट्रायल शुरू हुआ था। शीर्ष अदालत ने रोजाना आधार पर सुनवाई करने और इसे 45 दिनों के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया था।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia