किसानों पर कहर बनकर टूटी बेमौसमी बारिश, फसलें हुईं बर्बाद, अन्नदाता बोले- अब तेल के दामों ने भी निकाला दम

शनिवार और रविवार की बारिश किसानों पर कहर बनकर टूटी। बारिश ने सबसे ज्यादा नुकसान अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन, पठानकोट, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर, लुधियाना जिलों में किया।

फोटो: अमरीक
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अमरीक

पंजाब में बेमौसमी बारिश ने फसलों को बड़े पैमाने पर बर्बाद कर दिया है। खेतों में पककर तैयार खड़ी धान, मक्की, कपास, परमल, गन्ना, मटर, सेम फली और आलू की फसल को बीते दो दिन के भीतर काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। बासमती फसल भी बर्बाद हुई है। अब उसकी कटाई मुश्किल है। शनिवार और रविवार की बारिश किसानों पर कहर बनकर टूटी। बारिश ने सबसे ज्यादा नुकसान अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन, पठानकोट, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, जालंधर, लुधियाना जिलों में किया। खड़ी फसल तो तबाह हुई ही, मंडियों में पड़ा धान भी पूरी तरह से गीला हो गया।

किसानों की दिक्कत यह है कि पहले ही धान के खरीदार नहीं मिल रहे थे और अब भीगने के चलते उनको और इंतजार करना पड़ेगा। जंडियाला के किसान सुरजन सिंह का कहना है कि आफत की इस बारिश ने उनके दिवाली काली कर दी। केंद्र सरकार की देन महंगाई और पेट्रोल-डीजल के प्रतिदिन बढ़ते दामों ने पहले ही दम निकाल रखा था!

गौरतलब है कि पंजाब सरकार तमाम नुकसान के आकलन में जुट गई है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सूबे के तमाम जिला उपायुक्तों को आदेश जारी किए हैं कि किसानों को बारिश की वजह से मंडियों में कोई दिक्कत न आए। इस बाबत जरूरी प्रबंध किए जाएं। राज्य के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कई प्रभावित जिलों का दौरा करने के बाद कहा कि बर्बाद फसलों पर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। जिला उपायुक्तों को विशेष गिरदावरी के आदेश दे दिए गए हैं। रंधावा ने कहा, "बीस साल में पहली बार देखा है जब अक्टूबर महीने में इतनी ओलावृष्टि हुई है। धान की फसल तो लगभग खराब हो गई है और परमल चावल का भी खासा नुकसान हुआ है। प्रभावित किसानों को शीघ्र मुआवजा दिया जाएगा। केंद्र भी अपनी ओर से मदद का हाथ बढ़ाए।"

उपमुख्यमंत्री-2 ओम प्रकाश सोनी ने भी कहा है कि विभिन्न जिलों में ओलावृष्टि से हुए नुकसान का पता लगाने के लिए विशेष गिरदावरी करवाई जा रही है और रिपोर्ट मिलते ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री काका रणदीप सिंह ने भी कहा है कि पंजाब में लगातार हो रही बेमौसमी बारिश से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। चार-पांच दिनों के भीतर पूरे नुकसान का आकलन कर लिया जाएगा और उसके बाद किसानों को वाजिब मुआवजा दिया जाएगा। आसन्न संकट के मद्देनजर केंद्र सरकार से बड़े राहत पैकेज की अपेक्षा है।


उधर, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलवीर सिंह राजेवाल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बेमौसमी बारिश से फसलों को हुए नुकसान के मौजूदा हालात को 'राष्ट्रीय नुकसान' घोषित किया जाए और नुकसान झेलने वाले किसानों के लिए जल्द राहत पैकेज की घोषणा की जाए। जम्हूरि किसान सभा, पंजाब के नेता गुरउपदेश सिंह और हरजीत सिंह ने भी केंद्र सरकार से विशेष राहत पैकेज देने की मांग की है।

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