यूपी 69,000 शिक्षक भर्ती मामला: अभ्यर्थियों का लखनऊ में हंगामा, डिप्टी सीएम आवास पर किया जोरदार प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने कहा कि 19,000 पदों पर आरक्षण की अनियमितता बरती गई और जब तक सरकार सुप्रीम कोर्ट में उचित पैरवी नहीं करती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लखनऊ आवास के बाहर 69,000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने परीक्षा में कथित आरक्षण घोटाले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले में सरकार से इंसाफ दिलाने की मांग की।
आरोप क्या है?
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नियमों का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने कहा कि 19,000 पदों पर आरक्षण की अनियमितता बरती गई और जब तक सरकार सुप्रीम कोर्ट में उचित पैरवी नहीं करती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
हाईकोर्ट ने 2020 और 2022 में जारी प्रारंभिक चयन सूची रद्द कर दिए थे और सरकार को आरक्षण के नियमों के अनुरूप नया चयन सूची तैयार करने का निर्देश दिया था।
प्रदर्शन को मिला राजनीतिक समर्थन
इस आंदोलन ने राजनीतिक हलकों को भी प्रभावित किया। आनुप्रिया पटेल, बीजेपी की सहयोगी नेता, ने आरक्षण में अनियमितताओं को मान्यता देते हुए भ्रष्टाचार से प्रभावित उम्मीदवारों को नियुक्त करने का समर्थन किया था।
लंबे समय से चल रहा है आंदोलन
600 दिनों से अधिक समय से लखनऊ के ईको गार्डन में इस भर्ती घोटाले के विरुद्ध अभ्यर्थियों का विरोध जारी है। उनका कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।
राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग (NCBC) और हाईकोर्ट दोनों ने यह माना है कि जिस व्यवस्था (सिस्टम) में गड़बड़ी या गलतियां हुई हैं, उसकी जांच जरूरी है।
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