UP: 'आई लव मोहम्मद' कहने-लिखने वालों पर एक्शन के बीच लखनऊ में BJP युवा मोर्चा ने लगाया 'आई लव योगी-बुलडोजर' का पोस्टर
ऐसे समय में जब 'आई लव मोहम्मद' कहने और पोस्टर लगाने वालों पर यूपी पुलिस एक्शन ले रही है, उसी दौरान लखनऊ में बीजेपी युवा मोर्चा के महासचिव अमित त्रिपाठी द्वारा 'आई लव श्री योगी आदित्यनाथ जी' और 'आय लव बुलडोजर' वाले पोस्टर सवालों में हैं।

उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 'आई लव मोहम्मद' कहने और पोस्टर लगाने वालों पर कार्रवाई के बीच बीजेपी युवा मोर्चा के लखनऊ महानगर महासचिव अमित त्रिपाठी ने शहर के कई इलाकों में फ्लेक्स बोर्ड लगवाए हैं, जिन पर लिखा है- 'आई लव श्री योगी आदित्यनाथ जी' और 'आई लव बुलडोजर'।
'आई लव मोहम्मद' विवाद की पृष्ठभूमि
हाल ही में उत्तर प्रदेश के कई शहरों- कानपुर, बरेली और कुछ अन्य जिलों में 'आई लव मोहम्मद' लिखे टी-शर्ट पहनने और पोस्टर लगाने का मामला सामने आया था। पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए पोस्टर लगाने वालों और स्लोगन कहने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
यह विवाद कानपुर से शुरू हुआ था। जब सार्वजनिक स्थानों पर 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर लगाए गए थे। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। इसके बाद मामला बरेली तक पहुंचा। धीरे-धीरे राज्यभर में चर्चा का विषय बन गया। पुलिस ने इसे कानून-व्यवस्था का मुद्दा बताते हुए सख्त कार्रवाई की।
'आई लव मोहम्मद' कहने और पोस्टर लगाने वालों की यह दलील है कि वह पैगंबर मोहम्मद से प्यार करते हैं, जिसे वह दर्शा रहे हैं। इसमें किसी को क्या परेशानी हो सकती है?
बरेली में गहराया विवाद
बरेली में शुक्रवार को 'आई लव मोहम्मद' के समर्थन में जमा लोगों की पुलिस से झड़प हो गई। मौलाना तौकीर रजा की अगुवाई में यह प्रदर्शन जुमे की नमाज के बाद इस्लामिया मैदान में आयोजित किया गया था। शुरू में यह शांतिपूर्ण था, लेकिन जल्द ही स्थिति बिगड़ गई।
प्रदर्शनकारियों ने 'आई लव मोहम्मद' के बैनर लहराए और धार्मिक नारे लगाए। पुलिस ने इन्हें रोका। नोक-झोंक के बीच स्थिति बिगड़ गई। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
हिंसा के बाद पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा को उनके घर में नजरबंद कर दिया। इससे पहले, पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। पुलिस ने इस मामले में 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
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अमित त्रिपाठी का पोस्टर क्यों चर्चा में?
ऐसे समय में जब 'आई लव मोहम्मद' कहने और पोस्टर लगाने वालों पर यूपी पुलिस एक्शन ले रही है, उसी दौरान लखनऊ में बीजेपी युवा मोर्चा के महासचिव अमित त्रिपाठी द्वारा 'आई लव श्री योगी आदित्यनाथ जी' और 'आय लव बुलडोजर' वाले पोस्टर सवालों में हैं।
योगी सरकार की 'बुलडोजर नीति' पहले ही सुर्खियों में रही है, जिसे सरकार अपराधियों और माफियाओं पर कार्रवाई का प्रतीक बताती रही है। हांलकि 'बुलडोजर नीति' पर कोर्ट कई बार सख्त टिप्पणी कर चुका है। कई मामलों में बुलडोजर कार्रवाई को अलदात ने गलत बताया।
विवाद और राजनीति
जहां एक ओर 'आई लव मोहम्मद' लिखने वालों पर कार्रवाई हो रही है, वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए पोस्टरों पर अब विपक्ष सवाल खड़े कर सकता है। क्या 'आई लव श्री योगी आदित्यनाथ जी' और 'आई लव बुलडोजर' के पोस्टर लगाने वालों पर भी कार्रवाई होगी?
वराणणी में 'आई लव महादेव'
उत्तर प्रदेश में जहां 'आई लव मोहम्मद' कहने और पोस्टर लगाने वालों पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। दूसरी तरफ उसी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 'आई लव महादेव' लोग बोल रहे हैं और पोस्टर लगा रहे हैं।
वाराणसी में 'आई लव महादेव' के पोस्टर लगाने का कदम, 'आई लव मोहम्मद' के पोस्टर विवाद के उठाया गया है। स्थानीय संतों और शिव भक्तों ने इन पोस्टरों को सार्वजनिक स्थानों पर चिपकाया है, जिसे वे धार्मिक एकता और शांति का प्रतीक बता रहे हैं। इस अभियान के तहत, कुछ लोग 'आई लव महादेव' टैटू भी बनवा रहे हैं। लेकिन जिस तरह से एक समुदाय पर 'आई लव महोम्मद' के पोस्टर लगाने वालों पर कार्रवाई हो रही है। वहीं, दूसरी तफ दूसरे समुदाय पर यह कार्रवाई नहीं की जा रही है।
उज्जैन में 'आई लव महाकाल'
मध्य प्रदेश के उज्जैन में 'आई लव महाकाल' पोस्टरों का अभियान शुरू हुआ है। यह अभियान भी 'आई लव मोहम्मद' पोस्टरों के विवाद के बाद धार्मिक भावनाओं की अभिव्यक्ति के रूप में सामने आया है। स्थानीय धार्मिक संगठनों और शिव भक्तों ने इन पोस्टरों को सार्वजनिक स्थानों पर चिपकाया है, जो महाकाल के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान को व्यक्त करने का एक तरीका बता रहे हैं। यहा भी सवाल वही है कि अगर 'आइ लव मोहम्मद' के पोस्टर लगाने वालों पर पुलिस कार्रवाई कर रही है तो फिर 'आई लव महाकाल' के पोस्टर लगाने वालों पर भी कार्रवाई क्यों नहीं?
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Published: 27 Sep 2025, 10:49 AM