यूपी बीजेपी में बगावत, अपनी ही सरकार के खिलाफ सदन में धरने पर 100 से ज्यादा विधायक, डैमेज कंट्रोल में जुटी पार्टी

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान 100 से ज्यादा बीजेपी के विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं। नाराज विधायकों ने संसद में नहीं बोलने का आरोप लगाया है। इस बगावत को खत्म करने के लिए डिप्टी सीएम सदन पहुंचे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

यूपी बीजेपी में बगावत की खबर है। बीजेपी के 100 से ज्यादा विधायकों ने अपने ही सरकार और सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और विधानसभा के अंदर धरने पर बैठ गए हैं। खबरों की माने तो बीजेपी विधायकों के साथ-साथ विपक्ष के भी तमाम विधायक सदन में धरने पर बैठे हैं और विधायक एकता जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं। इस बगावत को खत्म करने के लिए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य मनाने के लिए सदन में पहुंचे, लेकिन नाराज विधायकों ने उनकी बात सुनने से इनकार कर दिया।

दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सदन में चर्चा कर केन्द्र को प्रस्ताव भेजे जाने पर अड़े विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाक ऑउट किया। इस बीच गाजियाबाद में लोनी के विधायक नंद किशोर गुर्जर अपनी जगह खड़े हो गये और कुछ कहने की अनुमति मांगने लगे। लेकिन सदन में उन्हें बोलने की अनुमति नहीं मिली, जिसके बाद भी नंद किशोर बोलने के लिए खड़े रहे और उन्होंने गाजियाबाद पुलिस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। लेकिन सदन में उनको बोलने नहीं दिया गया।


इससे नाराज होकर नंद किशोर विधनासभा के अंदर धरने पर बैठ गए। बवाल शुरू होते ही उनके साथ सत्तापक्ष के सैकड़ों विधायक खुलकर सामने आ गए। विधानसभा के स्थगन के बाद विधायकों का जब धरना शुरु हुआ तो सत्तापक्ष के करीब 150 से ज्यादा विधायक उनके साथ थे। इस धरने को विपक्ष का भी साथ मिला।

इस दौरान समाजवादी पार्टी के सदस्य वेल पर आकर विधायक के समर्थन में नारेबाजी करने लगे उनका कहना था कि सदन में जब सत्ता पक्ष के सदस्य को ही कुछ कहने की अनुमति नही है तो विपक्ष की क्या सुनी जायेगी। विपक्षी 'सदस्य को न्याय दो' के नारे लगा रहे थे।

वहीं समाजवादी पार्टी कते एमएलसी आनंद भदौरिया ने ट्वीट कर कहा, “विधानसभा कल तक स्थगित होने के बाद भी बीजेपी के 100 से ज़्यादा विधायक सदन में अपनी ही सरकार में उपेक्षित होने के कारण बैठे।”

उन्होंने आगे कहा, “इस समय सदन में विपक्ष सहित 200 से ज़्यादा विधायक सरकार की तानाशाही के ख़िलाफ़ धरने पर बैठे हैं। यानी सरकार अल्पमत में है। लगता है कि समय से पहले जनता को कुकर्मियों से निजात मिलने की उम्मीद है।

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Published: 17 Dec 2019, 5:36 PM