यूपी बोर्ड की परीक्षाएं आज से शुरू, 10वीं और 12वीं के 51.92 लाख परीक्षार्थी इम्तिहान में ले रहे हैं हिस्सा

नकल रोकने के प्रभावी इंतजाम किए गए हैं। संगठित नकल कराने वालों पर रासुका लगाने का प्रावधान है। परीक्षाएं 12 अप्रैल तक चलेंगी। वर्ष 2021 में कोरोना के कारण बोर्ड की परीक्षाएं नहीं कराई गई थी, सभी परीक्षार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट 2022 परीक्षा आज से शुरू हो गई है। दोनों कक्षाओं के 51.92 लाख परीक्षार्थी हिस्सा ले रहे हैं। दो पालियों में आयोजित होने वाली परीक्षा में 51,92,689 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसमें 27,81,654 दसवीं के परीक्षार्थी और बारहवीं में 24,11,0350 परीक्षार्थी शामिल हैं। परीक्षा से जुड़ी तैयारियों के बारे में अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला और निदेशक विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि परीक्षा केन्द्रों पर सख्त निगरानी में छात्र परीक्षा देंगे। उन्होंने बताया कि प्रथम पाली में परीक्षा प्रात: 8 बजे 11:15 बजे तक होगी और दूसरी पाली में परीक्षा दोपहर दो बजे से 5:15 बजे तक होगी। परीक्षा के लिए प्रदेश भर में 8373 केन्द्र बनाये गये हैं।

वहीं, दूसरी ओर परीक्षा में निगरानी के लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम की स्थापना लखनऊ के पार्क रोड स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के शिविर कार्यालय में की गई है। इस कंट्रोल रूम का उद्घाटन मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने किया। उन्होंने परीक्षा से जुड़ी सभी तैयारियों की समीक्षा भी की। साथ ही उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस किसी केन्द्र नकल पकड़ी जाये वहां के दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। परीक्षा के दौरान 8373 केन्द्रों की मॉनीटरिंग बड़ी चुनौती भी है। इस दौरान बिजली व्यवस्था से लेकर इंटरनेट व्यवस्था पर भी निर्भर करेगा।

नकल रोकने के प्रभावी इंतजाम किए गए हैं। संगठित नकल कराने वालों पर रासुका लगाने का प्रावधान है। परीक्षाएं 12 अप्रैल तक चलेंगी। वर्ष 2021 में कोविड संक्रमण के कारण बोर्ड की परीक्षाएं नहीं कराई गई थी, सभी परीक्षार्थियों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया था।

यूपी बोर्ड के परीक्षा केंद्रों की निगरानी के लिए हर कक्ष में सीसीटीवी कैमरे बोलकर होने वाली नकल रोकने के लिए वायस रिकार्डर लगाए गए हैं। इसके अलावा वेबकास्टिंग के माध्यम से मानीटरिंग करने के लिए डीवीआर के साथ राउटर लगे हैं। जिला मुख्यालयों के साथ ही राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां से वेबकास्टिंग के माध्यम से परीक्षा की कड़ी निगरानी होगी।


परीक्षा केंद्रों पर केंद्र व्यवस्थापक, कक्ष निरीक्षकों का इंतजाम पूरा हो चुका है। हर जिले में जिला प्रशासन की ओर से जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्त हुई है, जो भ्रमणशील रहकर परीक्षा को नकलविहीन कराएंगे। विभाग ने पांच सचल दस्तों का गठन किया है। इसके अलावा शासन व प्रशासन के उच्च अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो गतिविधियों पर नजर रखेंगे ओर शासन को रिपोर्ट सौंपेंगे।

उत्तरपुस्तिकाएं और प्रश्नपत्र पहुंचाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। सभी जिलों में क्रमांकित कापियों का प्रयोग हो रहा है। परीक्षाओं में नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए एसटीएफ जैसी एजेंसी सक्रिय है, वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक को गोपनीय सूचनाएं देने के लिए एलआइयू का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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