यूपी चुनाव: सपा से गठबंधन करने वाले ओम प्रकाश राजभर ने चुनाव लड़ने को लेकर किया बड़ा ऐलान!

ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि पिछड़ों का आरक्षण को योगी सरकार ने लूटा है। चाहे छात्रवृत्ति का मामला हो, या फिर 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला, इसमें सरकार ने पिछड़ो का 27 प्रतिशत और दलितों का साढ़े 22 प्रतिशत आरक्षण योगी सरकार ने लूटा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार में मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके लड़ रहे है। उनका कहना है कि हमने भले ही समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया हो, लेकिन हमारी पार्टी उनके सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ेगी। इसके अलावा उनका कहना है कि भाजपा ने पिछड़े का आरक्षण लूटा है।

ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि पिछड़ों का आरक्षण को योगी सरकार ने लूटा है। चाहे छात्रवृत्ति का मामला हो, या फिर 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला, इसमें सरकार ने पिछड़ो का 27 प्रतिशत और दलितों का साढ़े 22 प्रतिशत आरक्षण योगी सरकार ने लूटा। इस मामले में अभ्यर्थियों को लाठी ही मिली है। वे उप मुख्यमंत्री के यहां गए, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के यहां गए हर जगह उन्हें परेशान होना पड़ा, लाठी खानी पड़ी। इसके बाद अभ्यर्थी पिछड़ा वर्ग आयोग गए। वहां पर जांच हुई तो पता चला कि इस भर्ती में पिछड़े और दलितों के आरक्षण को लागू नहीं किया गया। तब योगी जी ने 6 हजार पद देने की बात कही। इससे सिद्ध होता है कि पिछड़ों का हक लूटा जा रहा है।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लडेगी, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से सूची तय करेंगे। अभी संडीला और मिश्रिख से प्रत्याशी घोषित किए गये हैं। हमारा उद्येश 14 विधायक बनवाकर अपनी पार्टी को मान्यता प्राप्त दल बनवाना है। सपा के सिंबल पर कोई हमारा प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ेगा। ऐसा न करता हूं न कभी करुंगा।

बीजेपी द्वारा समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को अपराधी बताने पर राजभर ने कहा कि ''मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री खुद अपराधिक प्रवृत्ति के हैं। सरकार बनने पर अपने मुकदमे वापस लिए है। 90 प्रतिशत अपराधी भाजपा में हैं। संगीत सोम क्या साधू हैं। भाजपा के नेताओं को झूठ बोलने की ट्रेनिंग नागपुर में दी जाती है। भाजपा के मंहगाई की बात करने पर राष्ट्रद्रोही बताते हैं। एक समान शिक्षा पर बंगलादेशी भी बताते हैं। देश व प्रदेश की मूलभूत समस्याओं से ये ध्यान भटकाते हैं। नफरत की राजनीति करते हैं। गुमराह करके वोट लेते हैं। ब्रजेश सिंह जब एमएलसी बन सकते हैं तो खुशी दुबे की मां चुनाव क्यों नहीं लड़ सकती हैं।''


राजभर ने बताया, "बनारस की शिवपुर सीट के कार्यकर्ता चाहते हैं कि मैं वहां से चुनाव लड़ूं। गाजीपुर जिले की जहूराबाद विधानसभा के कार्यकतार्ओं की भी मांग है कि मैं वहां से चुनाव लडू। अभी कार्यकतार्ओं से रायमषविरा किया जाएगा। केवल एक सीट पर चुनाव लड़ा जाएगा। अभी तय नहीं कहां से लड़ेगें।''

एक सवाल के जवाब में उन्होंने योगी सरकार के मंत्री अनिल राजभर पर निशाना साधा और कहा कि अनिल राजभर लोडर हैं। उनकी बातों में कोई दम नहीं है। पिछड़ों की न्याय के लिए आवाज नहीं उठाई और आरक्षण पर चुप रहे। 1700 थाने पर पर इनकी हिस्सेदारी कैसे सुनिश्चित हो इस पर नहीं बोलते हैं। शिवपुर में इनके विरोध में 90 प्रतिशत लोग हैं। इनसे भाजपा के कार्यकर्ता खुश नहीं हैं। इन्हें बोलने का तरीका नहीं आता है। अधिकारी से बात करने का तरीका नहीं आता है। ओम प्रकाश राजभर कहीं से चुनाव लड़ेगा जीत जाएगा। लेकिन निशाना अभी शिवपुर सीट पर है।

भागीदारी मोर्चा बिखरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति को लालच बढ़ता है तो काम नहीं बनता है। समाजवादी पार्टी के मुखिया ने कहा है कि जहां जिसका प्रभाव है वहां पर सीट लेकर चुनाव लड़ लें। लेकिन किसी को 40 सीट चाहिए किसी को 50 चाहिए। जब इतनी सीटें सबको दे देंगे तो वह क्या करेंगे। इस कारण बात नहीं बनी। चन्द्रषेखर से दो सीट पर बात तय हो गयी थी। फिर वह पांच सीट मांगने लगे तो व्यवस्था नहीं हो पायी।

मुख्तार अंसारी या उनके परिवार को चुनाव लड़ाने के सवाल पर राजभर ने कहा कि '' मैं ब्रजेश सिंह से मिलने अहमदाबाद और बनारस भी गए। मुख्तार अंसारी से पंजाब और बांदा मिलने गए। हमारा उनका संबंध है। मुकदमा किसी के उपर लिखा है वह अलग बात है। चुनाव आयोग को तय करना है कि कौन चुनाव लड़ेगा या नहीं। अगर उनके परिवार के लोग हमसे संपर्क करते हैं तो विचार किया जाएगा। अभी तक इस बारे में किसी ने संपर्क नहीं किया है।''


कोरोना की पाबंदी और रैली न हो पाने और अपने इन्फ्रास्ट्रक्च र के बारे में ओम प्रकाश ने बताया कि भाजपा से बड़ा आईटी सेल हमारा है। मेरा एक वीडियो करोड़ों लोग देखते हैं। बीजेपी एक महीने जितना प्रचार करेगी, उतना हम एक दिन में करते हैं। हमारे पास 222 लोग पिछले दो साल से काम कर रहे हैं। आनलाइन बैठक और रैली लगातार चल रही है। हम किसी मामले में कमजोर नहीं हैं।

बीजेपी से आए पिछड़े समाज के मंत्रियों के प्रभाव के बारे में पूछने पर राजभर ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह, दारा सिंह और राजभर जब बीएसपी में थे, तो उनकी सरकार बनी। फिर बीजेपी में गए तो उनकी सरकार बनी। अब यह टीम अखिलेश के साथ है, अब एसपी गठबंधन की सरकार बननी है। जो लोग भी आए हैं, सबकी अपनी पकड़ है। अगर पकड़ न होती तो अमित शाह, योगी हम लोगों से संपर्क न साधते। जिस दिन हटे हैं उसी वक्त से यह सब परेशान है। विधायक दौड़ाए जा रहे हैं।

राजभर ने कहा कि पिछड़े समाज के किसी नेता के आने से मुझे कोई असहजता नहीं है। भाजपा में मुख्यमंत्री बैठते हैं सोफा पर जबकि डिप्टी सीएम स्टूल पर बैठते हैं। क्या यही राष्ट्रवाद है। पिछड़े का सम्मान पिछड़ा ही करेगा।

बाहरी लोगों को आने पर पार्टी गठबंधन में अन्तरकलह के बारे में पूछने पर बताया कि कोई परेशानी नहीं है। जनता प्रदेश में बदलाव चाहती है। जिन्होंने पांच साल कोई काम नहीं किया वो ही अपना ठिकाना ढूढ रहे हैं। बीएसपी और कांग्रेस दोनों जितना सीट पाएंगे, उतनी सीटें हमारी पार्टी अकेले पाएगी।

एक अन्य सवाल के जवाब में राजभर ने कहा कि हम दो साल से लगातार सभी विधानसभाओं में ग्रासरूट पर किया। अपने पदाधिकारियों को ट्रेंड किया। जुलूस, आन्दोलनों के माध्यम से हम जनता के बीच में रहे। हमने जनता को बताया कि सरकार बनते ही जातिवार जनगणना 6 महीने में करवाएंगे। पांच साल तक 300 यूनिट बिजली मुफ्त में देंगे। पुरानी पेंशन बहाल करेंगे।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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