यूपीः जनसंख्या नियंत्रण कानून में लोगों ने मांगी 3 बच्चों की इजाजत, सांसदों-विधायकों पर भी लागू करने की आई मांग

योगी सरकार के जनसंख्या नियंत्रण कानून के अनुसार, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, वे सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। जो पहले से सरकारी नौकरी में हैं, उन्हें पदोन्नति से वंचित कर दिया जाएगा। साथ ही ऐसे माता-पिता को 77 सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।

फाइल फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बहुचर्चित जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे पर लोगों से मांगे गए सुझाव पर कई लोगों ने अपनी राय दी है। उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने अब मसौदा कानून पर लोगों से मिले सुझावों को 53 श्रेणियों में वर्गीकृत किया है। इनमें अगर एक जोड़े की दो बेटियां हैं या पहले दो बच्चों में से कोई भी शारीरिक रूप से विकलांग है तो तीसरे बच्चे की अनुमति देने का सुझाव शामिल है।

कई लोगों ने दो-बच्चे के मानदंड के बजाय तीन-बच्चों के मानदंड का सुझाव दिया है। यूपी विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए.एन. मित्तल ने कहा कि आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपेगा। आयोग ने पिछले महीने अपनी वेबसाइट पर लोगों से सुझाव मांगे थे, जिसके बाद मसौदा कानून पर 8,500 से ज्यादा सुझाव प्राप्त हुए है।


सूत्रों के अनुसार, कई लोगों ने यह भी सुझाव दिया है कि जिन लोगों के दो से अधिक बच्चे हैं, उन्हें सांसद और विधायक का चुनाव लड़ने से रोक दिया जाना चाहिए। अन्य सुझावों में उन जोड़ों को आरक्षण का लाभ न देना शामिल है जिनके दो से अधिक बच्चे हैं और ऐसे जोड़ों के वोट देने का अधिकार रद्द करना भी शामिल है।

योगी सरकार के नए जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदा के अनुसार, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, वे सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने के हकदार नहीं होंगे। जो लोग पहले से ही सरकारी नौकरी में हैं, उन्हें पदोन्नति से वंचित कर दिया जाएगा। साथ ही ऐसे माता-पिता 77 सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे।

एक बच्चे के माता-पिता को कई लाभ मिलेंगे। अगर ऐसे माता-पिता सरकारी नौकरी में हैं तो उन्हें सरकारी आवास योजना के साथ वेतन वृद्धि, पदोन्नति और विभिन्न रियायतें मिलेंगी।
अगर वे सरकारी नौकरी में नहीं हैं, तो ऐसे माता-पिता को जल कर, गृह कर, गृह ऋण और अन्य कई रियायतों में छूट मिलेगी।

इसके अलावा, अगर एक बच्चे के माता-पिता पुरुष नसबंदी का विकल्प चुनते हैं तो बच्चा 20 साल की उम्र तक मुफ्त चिकित्सा सुविधाओं, शिक्षा और बीमा का हकदार होगा। इस बच्चे को सरकारी नौकरी में भी वरीयता मिलेगी।

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