UP: लखनऊ में शर्मसार करने वाली घटना, 'दलित बुजुर्ग से मंदिर परिसर में पेशाब चटवाई, गालियां दीं', मचा बवाल

रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित के पोते ने बताया कि उनके दादा को गंभीर सांस की तकलीफ है और वे शौचालय तक नहीं पहुंच पाए। उन्होंने कहा कि आरोपी ने मेरे दादाजी को गालियां दीं और धमकाया। बाद में उन्हें पेशाब चाटने और मंदिर को पानी से धोने को कहा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है। यहां एक दलित बुजुर्ग को मंदिर परिसर में कथित तौर पर पेशाब चटवाने और मंदिर धुलवाने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। यह मामला काकोरी थाना क्षेत्र के शीतला माता मंदिर का है, जहां सोमवार (20 अक्टूबर) को यह घटना हुई।

बीमार बुजुर्ग को दी गलती अपमानजनक सजा

जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित बुजुर्ग रामपाल सांस की बीमारी से पीड़ित हैं और उसी दिन उन्हें अचानक तबीयत बिगड़ने पर मंदिर के पास बैठना पड़ा। तभी उनसे अनजाने में पेशाब हो गया। इस पर स्थानीय दुकानदार स्वामी कांत (62), जो मंदिर के पास ही रहता है, गुस्से में पहुंचा और आरोप लगाया कि बुजुर्ग ने मंदिर को अपवित्र कर दिया है।

इसके बाद आरोपी ने कथित तौर पर बुजुर्ग से पेशाब चाटने और मंदिर साफ करने को मजबूर किया। घटना के बाद पीड़ित ने अपने परिवार को इसकी जानकारी दी।


पीड़ित परिवार की शिकायत पर आरोपी गिरफ्तार

रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ित के पोते ने बताया कि उनके दादा को गंभीर सांस की तकलीफ है और वे शौचालय तक नहीं पहुंच पाए। उन्होंने कहा, "आरोपी ने मेरे दादाजी को गालियां दीं और धमकाया। बाद में उन्हें पेशाब चाटने और मंदिर को पानी से धोने को कहा।"

परिवार की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट, आपराधिक धमकी और जातिसूचक टिप्पणी से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है। काकोरी थाने के प्रभारी सतीश चंद्र ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है।

पुलिस ने क्या कहा?

पुलिस का कहना है कि घटना के समय बुजुर्ग के हाथ से पानी की बोतल गिर गई थी, जिसे आरोपी ने पेशाब समझ लिया। इसके बाद उसने उन्हें बोतल से गिरे पानी को उंगली से छूकर जीभ से लगाने के लिए कहा ताकि यह साबित हो सके कि वह पेशाब नहीं था।

हालांकि, पुलिस ने यह भी पुष्टि की कि आरोपी ने जातिसूचक टिप्पणी की और धमकाया, जिसके चलते उस पर एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।


विपक्ष ने की घठना की कड़ी निंदा

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "किसी से गलती हो जाए, इसका मतलब यह नहीं कि उसे अमानवीय सजा दी जाए। बदलाव ही इंसानियत ला सकता है।"

बीएसपी प्रमुख मायावती ने इसे "अत्यंत निंदनीय और चिंताजनक" बताया और कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है।

कांग्रेस ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, "यह बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में मानवता पर कलंक है। दलितों के प्रति नफरत भाजपा की सोच का हिस्सा बन गई है।"

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, "बीजेपी राज में दलित होना अपराध बन गया है।" और घोषणा की कि पार्टी का प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मुलाकात करेगा।

आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने इस घटना को "जातिवादी मानसिकता का शर्मनाक उदाहर" बताया।

घटना से मचा प्रदेशभर में आक्रोश

लखनऊ की यह घटना न सिर्फ राज्य में, बल्कि पूरे देश में सामाजिक और राजनीतिक बहस का विषय बन गई है। विपक्षी दल इसे भाजपा की नीतियों से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि सरकार का कहना है कि कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है।

फिलहाल, आरोपी स्वामी कांत को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, और पुलिस मामले की विस्तृत जांच में जुटी है।


घटना पर सरकार का बयान

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि राज्य सरकार ऐसी घटनाओं को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा, "दलितों और वंचितों के साथ किसी भी तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच पूरी होने के बाद दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

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