लोकसभा में SIR को लेकर गतिरोध बरकरार, चर्चा की मांग पर अड़ा विपक्ष, कार्यवाही मंगलवार तक स्थगित

विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही पहले दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी और फिर मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों के सांसदों ने पिछले कुछ दिनों की तरह सोमवार को भी लोकसभा में हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही पहले सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी और फिर दो बजकर 15 मिनट पर मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे फिर से आरंभ होने पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही।

हंगामे के बीच ही आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखे गए और सदन ने सीमा शुल्क टैरिफ अधिनियम, 1975 की दूसरी अनुसूची में संशोधन से संबंधित सांविधिक संकल्प को स्वीकृति दे दी। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह सांविधिक संकल्प पेश किया था। पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने सदस्यों से सदन चलने देने की अपील की और खेल से संबंधित दो विधेयकों को पारित करने की जरूरत पर जोर दिया। विधायी कार्यों की सूची में राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 सूचीबद्ध थे।

पाल ने कहा, ‘‘आज दो बहुत महत्वपूर्ण विधेयक हैं। सरकार 2036 के ओलंपिक की मेजबानी के लिए बोली लगाने जा रही है। देश के खेल और खिलाड़ियों के लिए इससे कुछ महत्वपूर्ण विधेयक नहीं हो सकते।’’ संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा, ‘‘आज बहुत ही महत्वपूर्ण विधेयक है। हम विपक्ष की मांग पर इन दो विधेयकों को चर्चा के लिए लाए हैं, लेकिन विपक्ष खेल और खिलाड़ियों के लिए महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा करने के बजाय हंगामा कर रहा है।


खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, ‘‘खेल शासन विधेयक काफी समय से लंबित है। न्यायालय ने भी कहा है कि खेल में सुशासन के लिए एक अच्छा कानून बनाया जाए। सदस्यों से आग्रह है कि इस पर चर्चा करें। पीठासीन सभापति पाल ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘आप चुनकर आएं ताकि कानून बना सकें, लेकिन मानसून सत्र में अब तक एक भी विधेयक पारित नहीं हो सका। देश की जनता देख रही है कि आप कानून बनाने के बजाय हंगामा कर रहे हैं।’’

हंगामा नहीं थमने पर पाल ने सदन की कार्यवाही दो बजकर 15 मिनट पर मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, सोमवार सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया, तभी विपक्षी दलों के सदस्य एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग करने लगे। सदन में दूसरे प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा ने प्रश्नकाल के दौरान हंगामे के बीच ही श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न पूछे और विभाग के मंत्री मनसुख मांडविया ने उत्तर दिए।

लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी-अपनी सीट पर बैठने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘मैंने पहले भी आपसे कहा है और फिर से कह रहा हूं कि प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण समय होता है। उन्होंने सदस्यों के नारेबाजी करने और तख्तियां दिखाने पर निराशा प्रकट करते हुए कहा कि विपक्षी सदस्यों के आचरण को देश देख रहा है। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 10 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत बीते 21 जुलाई को हुई थी और निचले सदन में केवल दो दिन, गत मंगलवार और बुधवार को प्रश्नकाल हो पाया था।