एच1-बी वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं करेगा अमेरिका, लाखों भारतीय पेशेवरों को मिली राहत

अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि एच1-बी वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। अमेरिका के इस फैसले से वहां रह रहे लाखों भारतीय पेशेवरों को राहत मिली है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वह वीजा नियमों में ऐसे किसी बदलाव पर विचार नहीं कर रहा है जो एच1-बी वीजाधारकों को देश छोड़ने पर मजबूर करता हो। यह घोषणा अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने किया है। इससे पहले बीते सप्ताह अमेरिका की न्यूज एजेंसी मेकक्लेची डीसी ब्यूरो की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ट्रंप प्रशासन एच-1बी वीजा के विस्तार को रोकने के लिए नए नियमों पर विचार कर रहा है। अमेरिका के ऐसे किसी भी फैसले का सीधा असर अमेरिका में रह रहे भारतीय पेशेवरों पर पड़ने की संभावना थी।

यूएससीआईएस के मीडिया विभाग के प्रमुख जोनाथन विथिंगटन ने कहा, "यूएससीआईएस अपने नियामकों में किसी बदलाव पर विचार नहीं कर रही है, जो एच1-बी वीजा धारकों को अमेरिका छोड़ने पर मजबूर करता हो। हम अपने एसी-21 की धारा 104 (सी) की भाषा में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं ,जिसके अंतर्गत इसकी अवधि छह वर्ष से भी ज्यादा बढ़ाई जा सकती है।" उन्होंने कहा, "अगर ऐसा होता, तो भी इस बदलाव के बाद एच1बी वीजाधारकों को अमेरिका छोड़ने पर मजबूर नहीं होना पड़ता, क्योंकि कर्मचारी एसी21 की धारा 106 (ए)-(बी) के तहत इसमें एक साल के विस्तार का अनुरोध कर सकते थे।"

इससे पहले इस संबंध में रिपोर्ट आई थी कि ट्रंप प्रशासन एच-1बी वीजा नियमों को कड़ा करने पर विचार कर रहा है जिससे वहां रह रहे 7 लाख 50 हजार भारतीयों को अमेरिका छोड़ने पर मजबूर होना पड़ता। विथिंगटन ने कहा, "यूएससीआईसी ने कभी भी ऐसे नीतिगत बदलाव पर विचार नहीं किया और यह सोचना पूरी तरह गलत है कि किसी भी दबाव की वजह से यूएससीआईसी ने अपनी स्थिति बदली है।"

केन्सास रिपब्लिकन पार्टी के प्रतिनिधि केविन योडर और हवाई से डेमोक्रेट प्रतिनिधि तुलसी गबार्ड ने ट्रंप को पत्र लिखकर, 'स्थायी तौर पर बसने का इंतजार कर रहे एच-1बी वीजाधारकों को यहां से नहीं भेजे जाने का आग्रह किया था।' दोनों नेताओं ने अपने पत्र में लिखा था, "हमें पूरा विश्वास है कि यह कार्रवाई अमेरिकी अर्थव्यवस्था, विश्वसनियता और भारत के साथ संबंधों और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए हानिकारक है।" यूएस चेंबर्स ऑफ कामर्स ने भी चेतावनी देते हुए इसे बहुत ही खराब नीति करार दिया था, जिसके तहत अमेरिका में रह रहे उच्च प्रशिक्षित लोगों को कहा जाएगा कि यहां आपका स्वागत नहीं है।'

विथंगटन ने कहा, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'बाइ अमेरिकन, हायर अमेरिकिन' संबंधी आदेश पर अमल के लिये एजेंसी कइ तरह के नीतिगत बदलावों को आगे बढ़ा रही है। इसके तहत रोजगार से जुड़े तमाम वीजा कार्यक्रमों की भी समीक्षा की जा रही है। दूसरी तरफ एच1-बी वीजा पर चल रही बहस का असर भारत में भी नजर आने लगा है। बताया जा रहा है कि भारत के आईटी सेक्टर में लाखों लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है और बहुत से लोगों को तो नोटिस भी थमा दिया गया है। दरअसल, कंपनियां उन लोगों के लिए अभी से जगह खाली करने में लग गई हैं जिन्हें संभावित तौर पर अमेरिका वापस भेज सकता है।

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