ऐन चुनावों के बीच आम लोगों के लिए बुरी खबर, अमेरिका ने ईरान से तेल आयात पर लगाई रोक, बढ़ सकती है महंगाई

लोकसभा चुनावों के बीच में आम लोगों के लिए बुरी खबर है। अमेरिका ने ईरान से तेल आयात करने पर भारत समेत कई देशों पर पाबंदी लगा दी है। इससे घरेलू बाजार में तेल के दाम बढ़ेंगे, जिसका सीधा असर महंगाई पर पड़ेगा। आने वाले दिनों में आपकी जेब में सूराख हो सकता है।

फोटो : सोशल मीडिया
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आईएएनएस

अमेरिका ने ईरान से तेल आयात करने वाले देशों को मिली छूट को आगे न बढ़ाने का ऐलान किया है। इसके बाद सोमवार को अतंरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। देखते-देखते ब्रेट क्रूड का दाम 74 डॉलर पहुंच गया। इस तेजी का असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा और भारतीय वायदा बाजार में भी कच्चे तेल के दाम में 3 फीसदी से ज्यादा का उछाल देखा गया।

दरअसल अमेरिका ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फैसला लिया है कि भारत समेत पांच प्रमुख देशों को अब ईरान से तेल आयात करने की छूट नहीं मिलेगी। व्हाइट हाउस ने कहा कि ईरान से तेल आयात पर प्रतिबंध में चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और तुर्की को मिल रही छूट को अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। छूट की समय-सीमा दो मई को समाप्त हो रही है।

अमेरिका ने नवंबर में ईरान से तेल आयात पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिया था। यह फैसला ईरान और दुनिया की छह शक्तियों के बीच परमाणु समझौते से अमेरिका के बाहर निकलने के ट्रंप के निर्णय के बाद लिया गया।

हालांकि वाशिंगटन ने ईरान से तेल खरीदने वाले आठ प्रमुख देशों को इस प्रतिबंध में छूट प्रदान करते हुए उन्हें छह महीने तक ईरान से तेल आयात जारी रखने की अनुमति दी थी। इन देशों में चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, तुर्की, इटली और यूनान शामिल हैं।

भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर मई एक्सपायरी कच्चा तेल वायदा अनुबंध में सोमवार को रात 20.10 बजे 132 रुपये यानी 2.96 फीसदी की तेजी के साथ 4589 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। इससे पहले कीमतों में 4,608 रुपये प्रति बैरल तक का उछाल आया।

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर जून डिलीवरी ब्रेंट क्रूड वायदा अनुबंध 2.65 फीसदी की तेजी के साथ 73.88 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था, जबकि कारोबार के दौरान सौदे का भाव 74.31 डॉलर प्रति बैरल तक उछला। न्यूयॉर्क मर्के टाइल इंडेक्स (नायमैक्स) पर भी डब्ल्यूटीआई का जून अनुबंध 2.40 फीसदी की तेजी के साथ 65.61 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जबकि भाव इससे पहले 65.86 डॉलर प्रति बैरल तक उछला।

कमोडिटी बाजार के जानकारों कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई इस तेजी का असर आने वाले दिनों में भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम पर देखने को मिलेगा क्योंकि भारत अपनी तेल की जरूरतों का 80 फीसदी आयात करता है और ईरान से तेल आयात करने वाला भारत प्रमुख देश है।

विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा होगा। इसका सीधा असर माल ढुलाई पर पड़ेगा जिससे आम जरूरत की चीज़ों के दाम में उछाल आने की आशंका है। इस तरह ऐन चुनावों के बीच में आम लोगों को महंगाई का झटका लग सकता है।

भारत ने इस बीच कहा है कि वह हालात पर नजर रखे हुए है और इस बारे में अधिकारिक बयान जल्द ही जारी किया जाएगा।

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