आगरा: योगी राज में 2 दिन के भीतर 12 गायों की मौत, 60 बीमार, हंगामे के बाद जागा पशुपालन विभाग

आगरा में पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि इन गायों की मौत कार्बाइड से पके पपीते के छिलके खाने की वजह से हुई है। कार्बाइड से पके फलों पर प्रतिबंध के बावजूद आगरा में धड़ले से फल बिक रहे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

बीजेपी के नेता, मोदी और योगी सरकार के मंत्री गौ-माता के नाम पर देश में वोट बटोरने की राजनीति तो कर रहे हैं, लेकिन कोई गायों की सुध नहीं लेता। आज भी उत्तर प्रदेश समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में गायों की जान जा रही है, और बीजेपी की सरकारें मौन हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के आगरा में सामने आया है। यहां के राधाकृष्ण गोशाला में दो दिन के भीतर पपीते का छिलका खाने से 12 गायों की मौत हो चुकी है और 60 गायें बीमार हैं।

पशुपालन विभाग के चिकित्सकों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है कि इन गायों की मौत कार्बाइड से पके पपीते के छिलके खाने की वजह से हुई है। कार्बाइड से पके फलों पर प्रतिबंध के बावजूद आगरा में धड़ले से फल बिक रहे हैं, लेकिन प्रशासन इससे रोकने के लिए कोई कमद नहीं उठा रहा है, जिसका खामियाजा गायों को भुगतना पड़ा है।


गायों की मौत के बाद जब स्थानीय लोगों ने हंगामा किया तब पशु पालन विभाग के अधिकारी और डॉक्टर जांच के लिए तैयार हुए। जांच में पपीते का छिलका खाने से गायों की मौत की बात सामने आई। इसके बाद बाकी की 60 गायों को दवा दी गई, जिसके बाद उनकी हालत कुछ बेहतर है। पोस्टमॉर्टम रिपार्ट में कार्बाइड के जहर से गायों की मौत की पुष्टी होने बाद विसरा आईवीआरआई बरेली को भेजा गया है, ताकि मामले की विस्तृत जांच की जा सके।

वहीं पशुपाल विभाग के चिकित्स डॉ. अशोक कुमार दौनेरिया ने कहा, “जिन गोशालाओं को विभाग चला रहा है, उनमें गायों के चारे का ध्यान रखा जा रहा है। कार्बाइड से पके फल और छिलके गायों के लिए हानिकारक हैं, इसलिए इसे रोका जाना चाहिए। गोशाला में इसी वजह से गायों की मौत हुई है।”

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