उत्तर प्रदेशः बीजेपी की योगी सरकार की अजब माया, आगरा में लाखों रुपये से बनीं 6 सड़कें हो गईं गायब

इन नवनिर्मित सड़कों का भौतिक मुआयना करने इलाके के मुख्य विकास अधिकारी पहुंचे तो उन्हें मौके पर वो सड़कें मिलीं ही नहीं, जिनका कागजों में लगभग 50 लाख रुपये की लागत से निर्माण कराने का दावा किया गया था। खुलासा होने के बाद अधिकारियों को नोटिस भेजा गया है।

सांकेतिक फोटो
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में बीजेपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में आए दिन चौंकाने वाले मामले सामने आते रहे हैं। कभी बच्चों के अस्पताल से ऑक्सीजन गायब हो जाता है, तो कभी स्कूलों में बच्चों का मिड डे मील ही गायब हो जाता है। अब ताजा मामला ऐसा सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। दरअसल ‘ताजमहल’ के लिए जाने जाने वाले प्रदेश के आगरा शहर में लाखों रुपये की लागत से बनीं 6 सड़कें ‘गायब’ हो गई हैं। इसका पता हाल में तब चला जब उच्चाधिकारी इन नवनिर्मित सड़कों का नीरिक्षण करने मौके पर पहुंचे।

मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण अभियंत्रण विभाग (आरईएस) ने कागजों में आगरा की पुरानी ईदगाह कालोनी में दो और विभव नगर के चार सेक्टरों में लगभग 50 लाख रुपये की लागत से हाल ही में छह सड़कों का निर्माण कराने का दावा किया था। लेकिन जब इन नवनिर्मित सड़कों का भौतिक मुआयना करने इलाके के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) जे रीभा पहुंचे तो उन्हें मौके पर वो सड़कें मिलीं ही नहीं, जिनका कागजों में लगभर 50 लाख रुपये की लागत से निर्माण कराने का दावा किया गया था। मामले का खुलासा होने के बाद मुख्य विकास अधिकारी ने आरईएस के अधिशासी अभियंता को नोटिस भेजा है।

दरअसल आरईएस को शहर के पुरानी ईदगाह कॉलोनी में तकरीबन 18 लाख रुपये की लागत से दो सड़कों का निर्माण कराना था। इसके अलावा विभाग को विभव नगर के भी चार सेक्टरों में चार सड़कों का निर्माण करवाना था। इस पूरे कार्य की कुल लागत तकरीबन 50 लाख रुपये बताई जा रही है। सड़क निर्माण के बाद इलाके के सीडीओ ने मौके पर जाकर इन सड़कों का निरीक्षण किया। ईदगाह कालोनी में किस स्थान पर कौन सी सड़क बनाई गई है, इसका पता नहीं चला। जबकि विभव नगर के सेक्टर एक, दो, तीन और चार में बनाई गई सड़कों की भी स्पष्ट जानकारी नहीं मिली।


सीडीओ ने इस दौरान अधिकारियों की निरीक्षण आख्या का भी अवलोकन किया। सीडीओ ने बताया कि विभागीय अधिकारियों ने अपनी निरीक्षण आख्या में सड़कों की लंबाई, चौड़ाई, मोटाई का भी उल्लेख नहीं किया है। यहां तक कि निर्माण कार्य में प्राक्कलन का उल्लेख भी नहीं किया गया। दोनों जगहों पर बनाई गई सड़कों की स्थिति, खर्च धनराशि के बारे में भी नहीं बताया गया है। इस मामले को लेकर सीडीओ ने आरईएस के अधिशासी अभियंता को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।

इस मामले पर सीडीओ जे रीभा ने बताया कि आगरा की पुरानी ईदगाह कालोनी और विभव नगर की सड़कों के निरीक्षण में बनाई गई नई सड़कों के बारे में जानकारी नहीं दी गई। निरीक्षण आख्या में भी खामियां पाई गईं थीं, जिसके बाद जवाब तलब किया गया है। वहीं, इस मामले पर आरईएस के अधिशासी अभियंता वीरेंद्र सिंह ने दावा किया कि पुरानी ईदगाह कालोनी में दो सड़कें बनवा दी गई हैं, जबकि विभव नगर में अभी काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि नई सड़कों पर बोर्ड लगाकर व्यय आदि अंकित करवाया जाएगा।

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