यूपी: इच्छामृत्यु की मांग कर चुके किसान को 19 टन आलू बेचने पर बचे सिर्फ 490 रुपये, पीएम को किया मनीआर्डर

आलू की फसल में पिछले चार सालों से हो रहे नुकसान से किसान प्रदीप बेहद परेशान हैं। इससे पहले बीते साल जुलाई के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और सीएम योगी आदित्यनाथ से इच्छामृत्यु की मांग की थी।

फोटो: सौ. अमर उजाला
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नवजीवन डेस्क

मोदी सरकार किसानों की खुशहाली के दावे कर रही ही, लेकिन हकीकत क्या है यह किसानों की हालत से अंदाजा लगाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के राज में किसानों की हालत खस्ता है। इसका एक उदाहरण आगरा में देखने को मिला है। जहां किसानों को आलू की सही कीमत नहीं मिल पा रही है। आलू की फसल में घाटे से दुखी यहां के एक किसान ने पीएम मोदी को 490 रुपये का मनीआर्डर भेजा है। बरौली अहीर के नगला नाथू के रहने वाले प्रदीप शर्मा नाम के किसान के मुताबिक, उन्होंने करीब 19 टन आलू बेचे, इसमें उन्हें सिर्फ 490 रुपये ही बचे।

अमर उजाला वेबसाइट पर छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, किसान प्रदीप शर्मा ने आलू की खेती में कितने खर्च हुए उसका ब्योरा दिया है। किसान ने बताया कि उन्होंने बीते साल 10 एकड़ जीम में आलू के फसल की बुवाई की थी। उन्होंने कहा कि उनका आलू 94677 रुपये में बिका। इसमें से 42030 रुपये मोटर भाड़ा, 993.60 रुपये उतराई, 828 रुपये कांटा-कटाई, 3790 दलाली, 100 रुपये ड्राफ्ट कमीशन, 400 रुपये छटाई में खर्च हो गए। 1500 रुपये नकद ले लिए। पूरा खर्च 48187 रुपये में से उन्हें सिर्फ 46490 रुपये मिले।

किसान ने बातया कि इसमें से कोल्ड स्टोरेज और वारदाने का खर्च प्रति पैकेट 125 रुपये है। 368 पैकेट आलू का कोल्डस्टोरेज का भाड़ा 46 हजार रुपये बनता है। ऐसे में उन्हें 368 पैकेट आलू बेचने पर सिर्फ 490 रुपये ही बचे।

आलू की फसल में पिछले चार सालों से हो रहे नुकसान से किसान प्रदीप बेहद परेशान हैं। इससे पहले बीते साल जुलाई के महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और सीएम योगी आदित्यनाथ से इच्छामृत्यु की मांग की थी। उन्होंने कहा कि न ही उन्हें इच्छामृत्यु की इजाजत दी जा रही है और न ही उनकी गुहार सुनी जा रही है।

मौजूद सरकार किसानों को बर्बाद फसलों के लिए बीमा दिए जाने की बात कर रही है। लेकिन, प्रदीप के लिए बीमा भी छलावा साबित हुए है। उन्होंने बताया कि 2016 में उनकी 15 एकड़ फसल खराब हो गई थी, फसल का बीमा भी करवाया था, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। किसान ने बताया कि शिकायत करने पर बीमा कंपनी ही भाग गई।

किसान प्रदीप ने बताया कि राज्य के कृषि विभाग के अधिकारियों से वे कई बार अपनी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को मनीआर्डर कर खुद को मुआवजा दिए जाने की मांग की है।

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