योगी राज में डॉक्टरों का नया ‘कारनामा’, मेरठ मेडिकल कॉलेज में मुर्दे का 10 बार किया एक्सरे, दो डॉक्टर सस्पेंड

20 जून को सड़क हादसे में घायल एक रिक्शा चालक को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। बिना किसी सीनियर की अनुमति के रिक्शा चालक के शव का डॉक्टरों ने 10 बार एक्सरे किया।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के राज में स्वास्थ्य व्यवस्था की एक और बदहाल तस्वीर सामने आई है। मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मुर्दे का डॉक्टरों ने 10 बार एक्सरे कर दिया। मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। आनन-फानन में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कार्रवाई की है। दो डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही मामले में कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर, जूनियर चिकित्सकों और स्टाफ समेत 11 लोगों से जवाब तलब किया गया है।

दरअसल 20 जून को सड़क हादसे में घायल एक रिक्शा चालक को मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। बिना किसी सीनियर डॉक्टरों की इजाजत के रिक्शा चालक के शव का एक-दो बार नहीं बल्कि 10 बार डॉक्टरों ने एक्सरे किया।


इससे पहले बरेली में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। बरेली के सरकारी अस्पताल में 4 दिन की मसूम बच्ची ने डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से दम तोड़ दिया था। नवजात बच्ची को लेकर उसकी दादी कुसमा देवी अस्पताल पहुंची थीं। बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। बच्ची को लेकर उसकी दादी अस्पताल के पुरुष विंग में पहुंचीं। वहां पर ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने उन्हें महिला विंग में जाने के लिए कहा। जब वे महिला विंग में गईं तो डॉक्टर ने कहा कि यहां बेड की कमी है। डॉक्टर ने दोबारा उन्हें पुरुष विंग में भेज दिया। वहां पर भी बच्ची को भर्ती नहीं लिया गया। बच्ची की दादी ने बताया कि वे इसी तरह 3 घंटे तक अस्पताल में भटकती रहीं और बच्ची ने दम तोड़ दिया।

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