यूपी: 6 साल में 10 हजार एनकाउंटर पर अपनी पीठ थपथपाने वाली योगी सरकार बताएगी, उसके राज में कितने फर्जी मुठभेड़ हुए?
यूपी सरकार की आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, प्रदेश में सबसे अधिक 3,152 मुठभेड़ मेरठ में हुआ। उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई के दौरान 5,967 अपराधियों को पकड़ा गया।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दावा किया है कि 6 सालों में राज्य में पुलिस और अपराधियों के बीच 10 हजार से अधिक मुठभेड़ हुई, इसमें 63 अपराधी मारे गए और 1708 घायल हुए। राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान एक पुलिस कर्मी भी शहीद हुआ और 401 पुलिस कर्मी घायल हो गए।
सरकार की आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, प्रदेश में सबसे अधिक 3,152 मुठभेड़ मेरठ में हुआ। उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई के दौरान 5,967 अपराधियों को पकड़ा गया। सरकार की विज्ञप्ति में कहा गया है कि, उत्तर प्रदेश पुलिस की 2017 के बाद से बदमाशों से 10,713 मुठभेड़ हुई। इनमें सबसे अधिक 3,152 मेरठ में हुई। इसके बाद आगरा पुलिस ने 1844 मुठभेड़ों को अंजाम दिया। बरेली में 1497 मुठभेड़ हुई।
यूपी में 2017 से 2022 के बीच 117 फर्जी मुठभेड़ हुए
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मुठभेड़ के जरिए अपना पीठ थपथपा रही है। यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि उसके राज में कानून व्यवस्था चाक चौबंध है और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही, लेकिन योगी सरकार ने यह नहीं बताया कि उसके राज में एनकाउंटर की हकीकत क्या है। कई बार यूपी सरकार पर फर्जी मुठभेड़ के आरोप लगे। यूपी में योगीराज में फर्जी एनकाउंटर हुए, इसकी गवाही केंद्र सरकार के आंकड़े देते हैं। केंद सरकार के आंकड़ो के मुताबिक, 2017 से लेकर 2022 तक देश में 655 एनकाउंटर हुए। इनमें अकेले उत्तर प्रदेश में 117 फर्जी एनकाउंटर हुए।
यूपी में साल 2018 में 77 फिसदी फर्जी मुठभेड़ हुए
6 जनवरी 2019 को तत्कालीन गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने राज्यसभा में बताया था कि 2018 में देश में 22 फेक एनकाउंटर हुए। इनमें 17 यानी 77 फिसदी से भी ज्यादा उत्तर प्रदेश में हुए थे। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक आरटीआई के जवाब में बताया था कि देश में 2000 से 2018 के बीच 18 साल में 1804 फेक एनकाउंटर हुए। इनमें 811 फेक एनकाउंटर यानी 45 फीसदी अकेले उत्तर प्रदेश में हुए।
यूपी के चित्रकूट में फर्जी मुठभेड़, 15 पुलिस कर्मियों पर FIR
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में मार्च 2021 में फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगा था। यह साल अगस्त 2022 में उजागर हुआ। इसके बाद चित्रकूट के एसपी रहे अंकित मित्तल समेत 15 पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफाई दर्ज की गई। यह सभी कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ में शामिल थे। मुठभेड़ में वॉन्टेड आरोपी भालचंद्र यादव की मौत हुई थी। इसके बाद भालचंद्र यादव के परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था।
अप्रैल 2021 में रामपुर में फर्जी निकली थी मुठभेड़
यूपी के रामपुर में शराब बरामदगी के नाम पर व्यापारी को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर जेल भेजने का मामला फर्जी निकला था। पुलिस महानिरीक्षक शलभ माथुर की जांच में आईपीएस अफसर तत्कालीन एसपी शगुन गौतम समेत 30 से ज्यादा पुलिस वाले दोषी पाए गए थे। सभी के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीआईजी मुरादाबाद ने उच्चाधिकारियों को संस्तुति रिपोर्ट भेजी थी। इनके अलावा भी कई ऐसे फर्जी मुठभेड़ हैं, जिनके बारे में पूरा प्रदेश जानता है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 17 Mar 2023, 11:41 AM