उत्तराखंडः लालकुआं में रेलवे जमीन से शत-प्रतिशत अतिक्रमण हटा, रोते-बिलखते रहे लोग, टूटते रहे आशियाने

नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने पुलिस की मदद से नगीना कॉलोनी में अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया था। पिछले हफ्ते पहले चरण में करीब 200 घरों को तोड़ा गया था और 100 घरों को खाली करने का नोटिस दिया गया था, जिस पर अमल नहीं होने पर आज कार्रवाई हुई।

उत्तराखंड के लालकुआं में रोते-बिलखते रहे लोग, टूटते रहे आशियाने
उत्तराखंड के लालकुआं में रोते-बिलखते रहे लोग, टूटते रहे आशियाने
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड के नैनीताल जिले के लालकुआं में रेलवे विभाग ने पुलिस प्रशासन के सहयोग से आज दूसरे चरण की कार्रवाई करते हुए नगीना कॉलोनी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर रेलवे भूमि से शत-प्रतिशक अतिक्रमण हटा दिया। इस दौरान ग्रामीणों की पुलिस प्रशासन से तीखी नोकझोक भी हुई। लोग रोते-बिलखते रहे, बेहोश होते रहे, उधर उनके आशियाने टूटते रहे।

एक सप्ताह पहले नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे प्रशासन ने जिला प्रशासन और पुलिस फोर्स की मदद से नगीना कॉलोनी में अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया है। जिसमें प्रशासन ने पहले चरण की कार्रवाई करते हुए लगभग 200 घरों को तोड़ा था। इसके बाद प्रशासन ने उक्त भूमि पर बचे लगभग सौ से अधिक कच्चे पक्के घरों को नोटिस चस्पा कर खाली करने के निर्देश दिए थे लेकिन प्रशासन के दिए नोटिस के बाद भी लोगों ने घरों को खाली नहीं किया।

दिया गया था नोटिस

नोटिस में दिया समय कल पूरा हो गया था, जिसके बाद आज शुक्रवार को इसे लेकर रेलवे प्रशासन ने पुलिस फोर्स की मौजूदगी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। इस दौरान वहां पहले से प्रदर्शन कर रहे लोगों से प्रशासन की तीखी नोकझोंक हुई, जिस पर पुलिस ने नगीना कॉलोनी के आधा दर्जन लोगों को हिरासत में ले लिया। जिसमें बांगली समाज के नेता सुब्रय विश्वास भी शामिल थे। जिसके बाद रेलवे प्रशासन ने तीन जेसीबी और एक पोकलैंड की मदद से बचे सभी मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया। दोपहर तक करीब सौ से अधिक कच्चे-पक्के घरों को तोड़कर रेलवे की जमीन खाली कराई गई।


टूटते आशियाने को देख रोते बिलखते रहे लोग

प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के दौरान कई लोग रोते बिलखते नजर आए। कई मजबूर लोग प्रशासन से हाथ जोड़कर गुहार लगाते रहे लेकिन प्रशासन ने एक ना सुनी और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी। इस बीच अपनी आंखों के सामने अपने घरों को तोड़ता देख कुछ बेहोश हो गए, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में डाक्टरों की टीम मौके पर पहुंची और उनके इलाज में जुट गई। चारों तरफ लोग रोते-बिलखते नजर आ रहे थे। जिन्हें देख प्रशासन के लोगों के भी आंसू निकल आए।

आधा दर्जन से अधिक लोग हिरासत में

वहीं आज अभियान का विरोध कर रहे नगीना कॉलोनी के आधा दर्जन से अधिक लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, जिसमें बंगली समाज के नेता सुब्रय विश्वास भी शामिल हैं। पुलिस की इस सख्ती के बाद ग्रामीणों ने खुद अपने घरों को खाली करना शुरू कर दिया। दोपहर तक रेलवे ने तीन जेसीबी, एक पोकलैंड की मदद से सौ से अधिक कच्चे पक्के घरों को तोड़ दिया।


उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगीना कॉलोनी से अतिक्रमण हटाना शुरू किया गया था जिसमे पहले चरण में कार्रवाई करते हुए दो सौ से अधिक मकानों को ध्वस्त कर भूमि खाली कराई गई। उन्होंने कहा कि उक्त भूमि पर बचे कुछ घरों को खाली करने को लेकर रेलवे प्रशासन ने नोटिस चस्पा कर खाली करने के निर्देश दिए थे लेकिन लोगों ने घरों को खाली नहीं किया।

इस पर जिला प्रशासन ने आज दूसरे चरण की कार्रवाई करते हुए सभी घरों को ध्वस्त कर शत-प्रतिशत भूमि से अतिक्रमण खाली कर दिया है। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान किसी तरह का कोई विरोध नहीं हुआ और शान्ति व्यवस्था बनी रही। अभियान के दौरान पुलिस प्रशासन और आरपीएफ की टीम मौजूद रही। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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