उत्तराखंड: जिंदगी और मौत के बीच सुरंग में जंग, अभी भी 40 जिंदगियां फंसीं, राहत-बचाव कार्य जारी
निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हादसे के बाद मौके पर पहुंचे आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया का कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं। हादसे में फंसे 40 मजदूरों को निकालने में अभी कुछ समय लग सकता है।
![फोटो: सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2023-11%2F66e58fde-2752-42c3-980c-83b364ad3a7c%2FF_1FDQ8XgAACQ6s.jpg?rect=0%2C0%2C640%2C360&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर धरासू और बड़कोट के बीच सिलक्यारा के पास निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन हादसे के बाद से राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है।
निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन हादसे के बाद मौके पर पहुंचे आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया का कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं। उन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही हैं। सिलक्यारा टनल हादसे में फंसे 40 मजदूरों को निकालने में अभी कुछ समय लग सकता है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में दीपावली के दिन यानी 12 नवंबर को सुबह करीब 5.30 बजे बड़ा हादसा हो गया था। यहां निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में मुहाने से करीब 230 मीटर अंदर मलबा और बोल्डर गिर गए थे। जिस समय यह हादसा हुआ, टनल के अंदर 40 मजदूर मौजूद थे, जो अंदर ही फंसे हुए हैं। उनको निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
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