उत्तराखंड: जोशीमठ में बर्फबारी के चलते रोका गया ध्वस्तीकरण का काम, भू-धंसाव वाले क्षेत्र में बिगड़ सकते हैं हालात!
भारी बारिश और बर्फबारी की सभांवानाओं के चलते भू-धंसाव की समस्या झेल रहे जोशीमठ में हालात बिगड़ सकते हैं। बारिश और बर्फबारी से भू-धंंसाव का खतरा और खतरनाक हो सकता है।

उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते खतरे वाले भवनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। । वहीं शुक्रवार को जोशीमठ में बर्फबारी हुई, जिसके चलते ध्वस्तीकरण का कार्य रोका गया। चमोली के ज़िलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया, "राहत शिविरों में लोगों को सारी व्यवस्थाएं दे रहे हैं। बर्फ के कारण मजदूर काम नहीं कर पाएंगे इसलिए (ध्वस्तीकरण) का काम रोका है। बर्फबारी के बाद काम फिर शुरू करेंगे।"
उत्तराखंड मौसम विभाग ने गुरुवार को राज्य में 24 से 27 जनवरी को भारी बारिश और ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने का अलर्ट जारी किया था। राज्य मौसम विभाग ने इसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश और बर्फबारी की सभांवानाओं के चलते भू-धंसाव की समस्या झेल रहे जोशीमठ में हालात बिगड़ सकते हैं। बारिश और बर्फबारी से भू-धंंसाव का खतरा और खतरनाक हो सकता है।
गौरतलब है कि जोशीमठ में लगातार बढ़ रहे भू-धंसाव से अब स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है। यहां जांच करने आए वैज्ञानिक भी अब सुरक्षित नही हैं। जिस जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में वैज्ञानिक रुके थे, उसमें दरारें आ गई हैं। यह गेस्ट हाउस भी अब भू-धंसाव की जद में आ गया है।
849 से अधिक मकानों में दरारें
भू-धंसाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में 849 भवन प्रभावित हुए हैं। इसमें से 181 भवन ऐसे हैं जिनको असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है। सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अब तक 258 परिवारों के 865 व्यक्तियों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है।
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