उत्तराखंडः धामी कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता पर रिपोर्ट को दी मंजूरी, अब विधानसभा में होगा पेश

प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में सीएम धामी ने 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय ड्राफ्ट समिति का गठन किया था। अध्यक्ष ने हाल में सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मसौदा रिपोर्ट सौंप दी थी।

धामी कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता पर रिपोर्ट को दी मंजूरी, अब विधानसभा में होगा पेश
धामी कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता पर रिपोर्ट को दी मंजूरी, अब विधानसभा में होगा पेश
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड में बीजेपी की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने आज मुख्यमंत्री आवास में हुई कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता पर रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। अब  इस रिपोर्ट को 6 फरवरी को विधानसभा के सत्र में पेश किया जाएगा। इससे पहले आज की बैठक में सीएम धामी ने केबिनेट मंत्रियों के साथ यूसीसी पर ड्राफ्ट रिपोर्ट पर चर्चा की। बैठक में 5 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र को लेकर भी चर्चा की गई।

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता को लागू करने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की दिशा में सीएम धामी ने 27 मई 2022 को जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय यूसीसी ड्राफ्ट समिति का गठन किया था। अध्यक्ष ने हाल में समिति सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मसौदा रिपोर्ट सौंप दी थी।


मसौदा समिति से ड्राफ्ट रिपोर्ट मिलने के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी का इतंजार था। आज सीएम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ड्राफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दे दी गई। अब धामी सरकार 6 फरवरी को यूसीसी को विधेयक के रूप में विधानसभा में पेश करेगी। वहां से पास होने के बाद उत्तराखंड पहला राज्य बन सकता है जहां समान नागरिक कानून लागू हो जाएगा।

यूसीसी ड्राफ्ट की अहम बातें

यूसीसी लागू होने पर लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष और लड़कों की शादी की उम्र 21 वर्ष होगी। विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। पति-पत्नी दोनों को तलाक के समान कारण और आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्नी के लिए भी लागू होगा। एक पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं होगी, यानी पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी।  उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर अधिकार होगा। लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन आवश्यक होगा। राज्य में अनुसूचित जनजाति के लोगों की इस परिधि से बाहर रखा गया है।

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