उत्तराखंड: प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कैसे हुआ हादसा, कहा- मौके पर पहुंचने से पहले ही थम चुकी थी घायलों की चीख-पुकार

बताया जा रहा है कि सामने से आ रहे वाहन को पास देने के चक्कर में बस चालक ने अपना नियंत्रण खो दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के पहुंचने से पहले बस में सवार घायलों की चीख-पुकार थम चुकी थी। फिर भी जिंदा यात्रियों की तलाश की कोशिशें शुरू हुईं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

यमुनोत्री हाईवे पर डामटा से करीब 5 किमी दूर रिखाऊं खड्ड क्षेत्र में जब तीर्थयात्रियों से भरी कार खाई में गिरी तो उसे सबसे पहले नदी पार जौनसार के कोटा गांव के श्यामू ने देखा। उसने फोन पर रिखांऊ खड्ड में होटल चला रहे वीरेंद्र पंवार को बताया तो आसपास मौजूद सभी लोग डेढ़ किलोमीटर दूर घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। बताया जा रहा है कि सामने से आ रहे वाहन को पास देने के चक्कर में बस चालक ने अपना नियंत्रण खो दिया। उनके पहुंचने से पहले बस में सवार घायलों की चीख-पुकार थम चुकी थी। फिर भी जिंदा यात्रियों की तलाश की कोशिशें शुरू हुईं जिसे बाद में बड़कोट और पुरोला पुलिस के साथ ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम ने तलाशी अभियान जारी रखा। रिखांऊ खड्ड में होटल चलाने वाले वीरेंद्र पंवार ने बताया कि मध्य प्रदेश के यात्रियों की दो बसें यमुनोत्री की ओर निकलीं थी। पहली बस 15 किलोमीटर आगे पहुंच गई थी। हादसे की सूचना पर बस लौटी। उसमें मौजूद यात्रियों में से एक ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त बस में सवार यात्री ने फोन कर हादसे की सूचना दी थी। साथ ही झाड़ियों में फंसने की बात कही थी। इस पर झाड़ियों में घायलों की तलाश की गई। उन यात्रियों ने ही बस में सवार लोगों के गांव के बारे में बताया था। वह सोमवार को तय करेंगे की आगे की यात्रा करनी है या नहीं।

रिखाऊं खड्ड के समीप जिस स्थान पर मध्य प्रदेश के यात्रियों की बस दुर्घटनाग्रस्त हुई, वहां पर भी सड़क काफी चौड़ी थी। लेकिन सामने से आ रहे वाहन को पास देते समय चालक बस पर नियंत्रण खो बैठा। बताया जा रहा है कि वाहन तेज गति में था। तेज रफ्तार होने के कारण पास देते समय वाहन सड़क से बाहर निकल गया और गहरी खाई में जा गिरा। 26 तीर्थयात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

पहाड़ी मार्गों पर वाहन चलाते समय तेज रफ्तार और थोड़ी सी भी असावधानी जान पर भारी पड़ती है। यमुनोत्री हाइवे पर अब तक हुई दो सड़क दुर्घटनाओं में वाहन चालकों की असावधानियां भी उजागर हुई हैं। दोनों वाहन अन्य वाहन को पास देते समय असावधानी बरतने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। बीते कुछ रोज पहले यमुनोत्री हाईवे पर एक वाहन दुर्घटना ग्रस्त हुआ था, जिसमें तीन तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। वाहन जिस स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। उस स्थान पर सड़क काफी चौड़ी थी साथ ही सड़क पर ब्लैक टॉप भी किया गया था। लेकिन सामने से आ रहे वाहन को पास देने के लिए वाहन बैक करते समय चालक की असावधानी भारी पड़ गई। वाहन अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरा और तीन तीर्थयात्रियों की मौत हो गई। रविवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। इसके अलावा गंगोत्री हाईवे पर कोपांग के समीप एक टैंपो ट्रेवलर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था जिसमें दो तीर्थ यात्रियों की मौत हुई थी।

चारधाम यात्रा के दौरान अब तब 70 तीर्थयातित्रयों की मौत हो चुकी है जिसमें 31 तीर्थ यात्रियों की मौत वाहन दुर्घटनाओं में हुई है। शेष 39 की मौत अन्य कारणों से हुई है। बीते 3 मई से चारधाम यात्रा शुरू हुई है। इस दौरान गंगोत्री व यमुनोत्री हाईवे पर रविवार की दुर्घटना को मिलाकर तीन हादसे हो चुके हैं। इनमें कुल 31 तीर्थ यात्रियों ने अपनी जान गंवाई।

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