उत्तराखंड: श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी, नैनीताल से कैंची धाम तक बनेगा रोपवे, प्रस्ताव भेजा गया

नैनीताल से कैंची धाम की सड़क मार्ग से दूरी लगभग 17 किलोमीटर है। पर्यटन सीजन या वार्षिक मेले के दौरान इस मार्ग पर भीड़ और जाम की समस्या और भी बढ़ जाती है। ऐसे में रोपवे परियोजना श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यात्रा को आसान और सुविधाजनक बनाएगी।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड के नैनीताल आने वाले पर्यटकों और बाबा नीम करौली के भक्तों के लिए अच्छी खबर है। बताया जा रहा है कि नैनीताल से कैंची धाम की यात्रा जल्द ही रोपवे से हो सकेगी। जिला पर्यटन विभाग ने इस योजना का प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा है, जिसमें रूट, लागत, पर्यावरणीय प्रभाव और तकनीकी पहलू शामिल हैं।

नैनीताल से कैंची धाम की सड़क मार्ग से दूरी लगभग 17 किलोमीटर है। पर्यटन सीजन या वार्षिक मेले के दौरान इस मार्ग पर भीड़ और जाम की समस्या और भी बढ़ जाती है। ऐसे में रोपवे परियोजना श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यात्रा को आसान और सुविधाजनक बनाएगी।

नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "नैनीताल से काठगोदाम तक रोपवे परियोजना पर पहले से ही विचार चल रहा है, इसकी डीपीआर तैयार है और यूटीडीबी के माध्यम से आगे की प्रक्रिया चल रही है। भवाली और कैंची धाम को रोपवे से जोड़ने के लिए एक और प्रस्ताव भेजा गया है। इसके पीछे का उद्देश्य यही है कि यहां जाने वाले श्रद्धालु या भक्त डेली विजिटर्स हैं और वह वहां रूकने के इरादे से नहीं जाते हैं, जिस वजह से इस रूट पर जाम की समस्या भी बढ़ जाती है।"

उन्होंने कहा, "हमने सरकार को रोपवे का प्रस्ताव भेजा है, जिसमें नैनीताल से भवाली और कैंची धाम को रोपवे से जोड़ने के लिए परीक्षण करने का सुझाव दिया गया है।"


होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह बिष्ट ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "पहाड़ी क्षेत्रों के लिए रोपवे समय की मांग है। सड़क पर जाम की समस्या के कारण सब कुछ ठप हो जाता है और इस तरह के हालात हमें कैंची धाम में भी दिखाई देते हैं। मुझे लगता है कि रोपवे के शुरू होने से जाम की समस्या से छुटकारा मिल पाएगा।"

नैनीताल होटल एसोसिएशन और स्थानीय पर्यटन कारोबारियों की ओर से इस योजना की लंबे समय से मांग की जा रही थी। परियोजना के तहत नैनीताल के स्नो व्यू क्षेत्र से कैंची धाम तक सीधा रोपवे प्रस्तावित है, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को काफी फायदा मिलेगा।

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