सुप्रीम कोर्ट की सख्ती का असर, हरिद्वार प्रशासन ने नहीं दी हिंदू महापंचायत की अनुमति, धारा 144 लागू किया

रुड़की में होने जा रहे महापंचायत पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भड़काऊ भाषण पर लगाम नहीं लगी तो उच्चाधिकारी जिम्मेदार होंगे। कोर्ट ने मुख्य सचिव को हलफनामा दायर कर यह बताने के लिए कहा है कि कार्यक्रम में कुछ गलत होने से रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड में हरिद्वार के भगवानपुर थाना क्षेत्र के डाडा जलालपुर गांव में आयोजित होने वाले हिंदू महापंचायत की हरिद्वार जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने प्रेस कांफ्रेस कर बताया कि धारा 144 लगाकर पांच से ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है।

इससे पहले महापंचायत की तैयारी के लिए पहुंचे काली सेना के राज्य संयोजक स्वामी दिनेशांनद भारती और उनके छह समर्थकों को पुलिस ने मंगलवार शाम गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने महापंचायत के लिए लगाए गए टेंट को भी हटा दिया है। साथ ही ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर सामान को भी बाहर भिजवा दिया गया है। पांच किलोमीटर के दायरे में गश्त बढ़ाने के साथ ही आला अधिकारियों ने गांव में डेरा डाल दिया है।

16 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान बवाल हो गया था। काली सेना ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने बवाल के सभी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। इसके विरोध में 27 अप्रैल को हिंदू महापंचायत करने का एलान किया था। इसी के तहत मंगलवार को सेना के राज्य संयोजक स्वामी दिनेशानंद भारती गांव के मंदिर परिसर में पहुंच गए और कमेटी के लोगों के साथ टेंट लगाना शुरू कर दिया। पुलिस ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने।

इसके बाद मंगलवार शाम करीब छह बजे सीओ पंकज गैरोला भारी पुलिस बल के साथ गांव पहुंचे और स्वामी दिनेशानंद भारती समेत कई लोगों को हिरासत में ले लिया। एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल, एसडीएम बृजेश कुमार तिवारी, सीओ पंकज गैरोला ने गांव में डेरा डाल दिया है और पल-पल की खबर रखी जा रही है। किसी भी प्रकार की गतिविधि को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी सख्ती के साथ जुटा है। मंगलवार को भारी पुलिस बल तैनात करने के साथ ही पूरे गांव में फ्लैग मार्च किया गया। इस दौरान लोगों से कानून का पालन करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की गई।


डाडा जलालपुर में हिंदू महापंचायत के एलान के मद्देनजर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने प्रेसवार्ता कर बताया कि क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्देश जारी हुए हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार की गतिविधि के लिए न तो कोई अनुमति दी गई है और न ही बिना अनुमति किसी प्रकार की गतिविधि की इजाजत दी जाएगी।

डीएम विनय शंकर पांडेय ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे कई प्रकरणों की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता की ओर से रुड़की के डाडा जलालपुर के संबंध में जानकारी दी गई थी कि यहां हिंदू महापंचायत में हेट स्पीच जैसी आशंकाएं हैं। इसका सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया और निर्देश दिए कि पुलिस प्रशासन अपने हिसाब से इस मामले को देखे। डीएम ने बताया कि शांति व्यवस्था के मद्देनजर ही धारा 144 लागू की गई है। 25 लोगों को शांतिभंग की धाराओं में निरुद्ध किया गया है। इस दौरान डीएम ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि प्रशासन की ओर से पहले से ही यह सख्त संदेश दिया गया था कि डाडा जलालपुर में माहौल बिगाड़ने वाली किसी गतिविधि को नहीं होने दिया जाएगा। इससे पहले भी हरिद्वार में हेट स्पीच के मामले में गिरफ्तारियां की गई हैं।

एससपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने कहा कि डाडा जलालपुर की घटना में कार्रवाई भी हुई है और बारीकी से जांच भी चल रही है। यदि कोई जांच या कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है तो उसके खिलाफ जाने के कई तरीके हैं। इसके लिए उच्च स्तर पर अपनी बात रखी जा सकती है। इसके बाद भी संतुष्ट नहीं होने पर न्यायालय में बात रखी जा सकती है लेकिन किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती। एसएसपी ने बताया कि डाडा जलालपुर में ड्रोन और वीडियोग्राफी से भी पूरे माहौल पर नजर रखी जाएगी। सुरक्षा के मद्देनजर गांव में 150 कांस्टेबल, 30 महिला कांस्टेबल, 65 सब इंस्पेक्टर और पांच डिप्टी एसपी की तैनाती की गई है। इसके अलावा पीएसी और भारी पुलिस बल तैनात रहेगा।

इससे पहले हिंदू महापंचायत करने के लिए काली सेना के प्रदेश संयोजक और उनके समर्थक दिनभर तैयारियां करते रहे। प्रशासन ने भी सुबह से सख्ती बढ़ाने के लिए काफी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ पीएसी तैनात कर दी थी। मंगलवार सुबह से ही डाडा जलालपुर गांव में अचानक गतिविधियां बढ़नी शुरू हो गईं। मंदिर में साफ-सफाई और टेंट लगाने का काम शुरू कर दिया गया।


वहीं काली सेना के प्रदेश संयोजक स्वामी दिनेशानंद भारती, दोपहर करीब एक बजे गांव पहुंच गए। इसके चलते पुलिस प्रशासन में भी हलचल शुरू हो गई। गांव में बढ़ती गतिविधि को देख्ते हुए एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल ने भगवानपुर थाने में सीओ रुड़की विवेक कुमार, सीओ मंगलौर पंकज गैरोला, थानाध्यक्ष भगवानपुर अमरजीत सिंह के अलावा कलियार और झबरेड़ा के थानाध्यक्षों व पीएसी के जवानों के साथ बैठक की।

रुड़की में बुधवार को होने वाली महापंचायत पर सुप्रीम कोर्ट की हिदायत के बाद शासन हरकत में आ गया है। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू ने गृह विभाग को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सरकार नौ मई से पहले न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर देगी। बुधवार को रुड़की में होने जा रहे महापंचायत पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को ताकीद किया कि भड़काऊ भाषण पर लगाम नहीं लगी तो उच्चाधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को एक हलफनामा दायर कर यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि कार्यक्रम में कुछ गलत होने से रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद शासन भी हरकत में दिखाई दिया। सूत्रों के मुताबिक, मुख्य सचिव ने प्रकरण पर अपर मुख्य सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक से भी स्टेट्स रिपोर्ट तलब की। संपर्क करने पर मुख्य सचिव के कार्यालय से बताया गया कि उनकी ओर से गृह विभाग को मामले पर जरूरी एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

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