उत्तराखंडः हरीश रावत ने पत्रकार राजीव प्रताप के परिजनों से मुलाकात की, संदिग्ध मौत की SIT जांच की मांग की
राजीव के पिता ने भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर संदेह व्यक्त किया और कहा कि उनके बेटे ने लापता होने से दो दिन पहले जिस अस्पताल की खबर चलाई थी, उसी में उसका पोस्टमार्टम हुआ है। हमें अस्पताल की विश्वसनीयता पर संदेह है, इसलिए निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं।

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने बुधवार को देहरादून में पत्रकार राजीव प्रताप के परिजनों से मुलाकात की और उनकी मौत पर संदेह व्यक्त करते हुए मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की मांग की और कहा कि अगर वह कुछ दिनों के अंदर इस मामले का खुलासा नहीं कर पाती तो मामले में आगे सीबीआई की जांच भी हो सकती है।
'एक्स' पर हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने यहां दीपनगर क्षेत्र में स्थित प्रताप के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मिलकर शोक संवेदना जताई। उन्होंने कहा, ''स्वतंत्र पत्रकार राजीव प्रताप सिंह जो उत्तरकाशी में भ्रष्टाचार के एक मामले के खिलाफ आवाज उठाते शहीद हो गए, आज उनके आवास दीपनगर पहुंचकर उनके पिता मुरारी लाल जी, उनकी पत्नी और उनके परिजनों से भेंट कर शोक संवेदना व्यक्त की।'' उन्होंने कहा कि वह उत्तरकाशी में निरंतर सामाजिक सरोकारों और विभागीय अनियमितताओं से जुड़े सवालों को उठा रहे थे और लोगों को उनकी हत्या का गहरा संदेह है।
रावत ने कहा कि प्रताप की आखिरी खबर भी कुछ ऐसी अनियमितताओं के बारे में थी। उन्होंने कहा, ''कहीं ऐसा तो नहीं है कि उनकी आवाज को बंद करने का भ्रष्ट माफिया का यह कदम हो !'' पत्रकारों के मामले में राज्य को संवेदनशील होने की सलाह देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर पत्रकारिता निर्भीक रहेगी तो राज्य निर्भय रहेगा इसलिए इस मामले की जांच होनी चाहिए।
इससे पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को राजीव प्रताप के पहले लापता होने और फिर मृत पाए जाने को दुखद ही नहीं बल्कि भयावह बताते हुए अविलंब निष्पक्ष जांच की मांग की थी। प्रताप 18 सितंबर की रात से लापता थे और करीब 10 दिन बाद जोशियाड़ा बैराज से उनका शव बरामद हुआ था। प्रताप की संदिग्ध मौत के मामले में बढ़ते दवाब के बीच उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने मंगलवार को उत्तरकाशी के पुलिस उपाधीक्षक जनक सिंह पंवार की अध्यक्षता में एक जांच टीम गठित करने की घोषणा की थी।
उन्होंने कहा कि यह टीम सीसीटीवी फुटेज, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य, कॉल डिटेल और पत्रकार के साथ आखिरी बार देखे गए लोगों के बयानों की फिर से गहन समीक्षा करेगी तथा मामले से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगी । सेठ ने कहा कि उनकी क्षतिग्रस्त गाड़ी का तकनीकी मूल्यांकन और क्रैश इंपैक्ट एनालिसिस भी कराया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रताप के परिजनों द्वारा उन्हें कुछ धमकी भरे फोन आने के बारे में भी बताया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि पत्रकार ने यद्यपि पहले इसके बारे में उत्तरकाशी पुलिस को इस बारे में कोई शिकायत नहीं दी थी, फिर भी टीम इस बिंदु की भी गहराई से जांच करेगी। पुलिस महानिदेशक ने कहा, ''यह टीम अपनी विवेचना में इन सभी पहलुओं का समावेश करते हुए शीघ्र अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।''
सेठ ने सिलसिलेवार ढंग से घटना के बारे में बताते हुए कहा कि 19 सितंबर को पत्रकार की गुमशुदगी की सूचना मिलते ही उत्तरकाशी पुलिस ने खोज के प्रयास शुरू कर दिए थे। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ ही उनकी तलाश में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, ड्रोन तथा श्वान दलों को भी लगाया गया। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में 18 तारीख को आखिरी बार प्रताप को वाहन चलाते अकेले जाते हुए देखा गया था। वह 20 सितंबर को क्षतिग्रस्त हालत में भागीरथी नदी में मिला।
इसके बाद, उन्होंने कहा कि पत्रकार के परिजनों के अनुरोध पर उनके अपहरण के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर खोज जारी रखी गयी। उन्होंने बताया कि मामले की विवेचना के बीच 28 तारीख को प्रताप का शव नदी से बरामद हुआ। पत्रकार के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत की वजह दुर्घटना के समय उन्हें लगी आंतरिक चोटों को बताया गया है। उत्तरकाशी की पुलिस अधीक्षक सरिता डोभाल ने कहा, ''पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी छाती तथा पेट में आंतरिक चोटों की वजह से उनकी मृत्यु होना बताया गया है। चिकित्सकों के अनुसार, ऐसी चोटें दुर्घटना के दौरान लग जाती हैं।''
उत्तरकाशी में प्रताप के चाचा कृपाल सिंह ने कहा कि रिपोर्ट में उसकी मौत दम घुटने या शरीर में पानी भरने से नहीं बल्कि आंतरिक चोटों से बतायी गयी है तो इसमें हत्या की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। पत्रकार के अन्य परिजनों ने कहा कि राजीव की लाश पर कपड़े नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि यदि प्रताप की दस दिन पहले मौत हुई होती तो उसके बदन पर सड़े-गले कपड़े तो होने चाहिए थे जिससे स्पष्ट है कि उसकी मौत डूबने से नहीं हुई।
राजीव के पिता मुरारी लाल ने भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी संदेह व्यक्त किया और कहा कि उनके बेटे ने लापता होने से दो दिन पहले जिस अस्पताल की खबर चलाई थी, उसी में उसका पोस्टमार्टम हुआ है और हमें अस्पताल की विश्वसनीयता पर संदेह है। उन्होंने भी मामले में निष्पक्ष जांच की मांग दोहराई।
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