उत्तराखण्ड: गढ़वाल के टीला गांव में रहस्यमयी बीमारी का कहर, 100 से ज्यादा लोग बीमार, 1700 ग्रामीण हैं खतरे में

टीला गांव के लोगों द्वारा बताया गया कि ग्रामीणों को तेज बुखार, सीने में दर्द, उल्टी, हाथ- पैर के जोड़ों में दर्द की शिकायत हो रही है और चक्कर आ रहे हैं। इस बीमारी से पीड़ित अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

पौड़ी गढ़वाल के पैठाणी के टीला गांव में 100 से अधिक ग्रामीण रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित बताए जा रहे हैं। इस गाव के करीब 25 तारीख से स्कूली छात्र छात्राएं 1 हफ्ते से स्कूल नहीं जा पा रहे।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस खबर का संज्ञान लिया है और स्वास्थ्य विभाग की टीम टीला गांव को रवाना किया है। टीला गांव के लोगों द्वारा बताया गया कि ग्रामीणों को तेज बुखार, सीने में दर्द, उल्टी, हाथ- पैर के जोड़ों में दर्द की शिकायत हो रही है और चक्कर आ रहे हैं। इस बीमारी से पीड़ित अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा है। शुरूआत में एक या दो ही व्यक्ति बीमार हुए थे। लेकिन धीरे-धीरे अब 100 से अधिक ग्रामीण इसकी चपेट में आ गए हैं। 1700 से अधिक की आबादी वाले इस गांव के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत को सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे ही इस संबंध में जानकारी प्राप्त हुई उनके द्वारा तत्काल ही मौके की गंभीरता को समझते हुए मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी पौड़ी को निर्देशित किया है। उन्होंने कहा है कि हर हाल में तत्काल डॉक्टरों की टीम टीला गांव में उपचार हेतु भेजी जाए। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के द्वारा स्वयं ग्रामीणों को दूरभाष के माध्यम से भी फोन कर जानकारी दी गई कि आज आपके गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम उपचार हेतु पहुंच जाएगी।

सीएमओ पौड़ी के द्वारा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ अमित पाटिल को गांव में मेडिकल टीम गठित करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। फील्ड सर्वे के लिए तत्काल टीला गांव के लिए सीएचसी सेंटर से एक स्वास्थ्य कर्मी को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ अमित पाटिल ने बताया कि आज टीला गांव में स्वास्थ्य विभाग की 5 सदस्यीय टीम जाएगी। इनमें एक डॉक्टर, एक कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, एक एएनएम, एक लैब टेक्नीशियन और एक दवाइयों के लिए वार्ड बॉय को गांव के लिए रवाना किया जाएगा। फील्ड सर्वे के लिए शाम तक स्वास्थ्य कर्मी को गांव के लिए भेजा जा रहा है ताकि कल सवेरे कैंप लगाने में आसानी हो। इसके साथ ही वास्तविक स्थिति की जानकारी प्राप्त हो जाए कल सवेरे सवेरे पूरी मेडिकल टीम गांव में पहुंच जाएगी।

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