उत्तराखंड पेपर लीक: 'पेपर चोर, गद्दी छोड़!', BJP पर राहुल गांधी का तीखा हमला
राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष लगातार यह मांग कर रहा है कि पेपर लीक रोकने के लिए एक मजबूत और पारदर्शी सिस्टम बनाया जाए, लेकिन मोदी सरकार इस पर आंख मूंदकर बैठी है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर पेपर लीक मामले को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आज बीजेपी का दूसरा नाम है- पेपर चोर! देशभर में बार-बार होने वाले पेपर लीक ने करोड़ों मेहनती युवाओं की जिदगी और सपनों को तबाह कर दिया है। उत्तराखंड का UKSSSC पेपर लीक इसका ताजा उदाहरण है। लाखों युवाओं ने दिन-रात मेहनत की, लेकिन बीजेपी ने चोरी से उनकी पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया।"
राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष लगातार यह मांग कर रहा है कि पेपर लीक रोकने के लिए एक मजबूत और पारदर्शी सिस्टम बनाया जाए, लेकिन मोदी सरकार इस पर आंख मूंदकर बैठी है। उन्होंने बेरोजगारी को देश की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए आरोप लगाया कि यह सीधे "वोट चोरी" से जुड़ी है। राहुल ने कहा कि आज युवा सड़कों पर हैं और नारे लगा रहे हैं- "पेपर चोर, गद्दी छोड़!" यह सिर्फ नौकरी की लड़ाई नहीं, बल्कि न्याय और लोकतंत्र की लड़ाई है।
उत्तराखंड UKSSSC पेपर लीक का ताजा मामला
हाल ही में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की परीक्षा का पेपर लीक हुआ, जिससे लाखों युवाओं का भविष्य प्रभावित हुआ।
मुख्य आरोपी को एसआईटी ने गिरफ्तार किया है।
जांच में सामने आया कि उसने परीक्षा केंद्र की पहले से रेकी की थी और मोबाइल फोन की मदद से प्रश्नपत्र की तस्वीरें खींचकर बाहर भेजीं।
मुख्य आरोपी की बहन और कई अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है।
उत्तराखंड सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित की है, जो एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में काम करेगी।
प्रशासन ने आरोपियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया और कुछ की दुकानें भी सील कर दी गईं।
पेपर लीक का पुराना इतिहास
उत्तराखंड में पेपर लीक की घटनाएं नई नहीं हैं।
2021: UKSSSC स्नातक स्तर की परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। उस समय भी हजारों उम्मीदवार प्रभावित हुए थे और सरकार को कठघरे में खड़ा किया गया था।
2022: UKSSSC भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने पर भारी विवाद हुआ और आयोग के सचिव को पद से हटाना पड़ा।
इसके बाद राज्य सरकार ने नकल विरोधी कानून (Anti-Copying Act) लागू किया, लेकिन इसके बावजूद ताजा घटना ने परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
छात्रों का विरोध और गुस्सा
पेपर लीक की घटनाओं ने युवाओं को सड़क पर उतरने पर मजबूर कर दिया है।
देहरादून, हल्द्वानी, हरिद्वार और पिथौरागढ़ जैसे शहरों में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किए।
छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी।
युवा संगठनों ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है।
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे "पेपर लीक नहीं, बल्कि नकल की घटना" बताते हुए दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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