उत्तरकाशी आपदा अपडेट: धराली से डर और उम्मीद की कहानी, बचाए गए लोग बोले- सेना को देखकर मिली हिम्मत

एनडीआरफ के डीआईजी गम्भीर सिंह चौहान ने कहा कि हमारी चार टीमें तैनात हैं, लेकिन सड़कों के टूट जाने से धराली नहीं पहुंच सकीं। कल हेलीकॉप्टर से 35 जवान वहां पहुंचे। आज से आवाजाही शुरू हो चुकी है। अब हमारे सैटेलाइट फोन भी चालू हैं।

उत्तरकाशी के धराली में फंसे लोग, जिन्हें किया गया रेस्क्यू।
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में बादल फटने की भयावह घटना के बाद हालात बेहद गंभीर हैं। सेना, NDRF, ITBP, SDRF और स्थानीय प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। अब तक 70 नागरिकों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि 3 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 50 से अधिक नागरिक अब भी लापता हैं। वहीं, सेना के 1 JCO और 8 जवान भी लापता बताए जा रहे हैं। यह जानकारी सेना ने दी है।

हेलीकॉप्टर से राहत और खोज-बचाव कार्य तेज

भारतीय सेना के मुताबिक, अब तक 9 जवानों और 3 नागरिकों को हेलीकॉप्टर के जरिए देहरादून पहुंचाया गया है। गंभीर रूप से घायल तीन नागरिकों को एम्स ऋषिकेश भेजा गया है। जबकि 8 नागरिकों को उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। राहत कार्यों के लिए चिनूक और एमआई-17 हेलिकॉप्टरों की तैनाती की गई है। नेलोंग और धराली क्षेत्रों में पैरा ट्रूपर्स और मेडिकल टीमें एयरलिफ्ट की जा रही हैं।


रेस्क्यू ऑपरेशन की जमीन हकीकत

एनडीआरफ के डीआईजी गम्भीर सिंह चौहान ने कहा, "हमारी चार टीमें तैनात हैं, लेकिन सड़कों के टूट जाने से धराली नहीं पहुंच सकीं। कल हेलीकॉप्टर से 35 जवान वहां पहुंचे। आज से आवाजाही शुरू हो चुकी है। अब हमारे सैटेलाइट फोन भी चालू हैं, जिससे संपर्क बहाल हुआ है।"

गढ़वाल मंडल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने बताया, "हमारी पहली प्राथमिकता गंगोत्री धाम में फंसे तीर्थयात्रियों को निकालना है। दो हेलिकॉप्टर 9-10 यात्रियों को हर्षिल से निकाला गया है। चिनूक विमान जोलीग्रांट से टेकऑफ करेगा। जिला अधिकारी और एसएसपी मौके पर मौजूद हैं। अगले 1-2 दिन में हालात सामान्य होने की उम्मीद है।"

सेना को देखकर लोगों को हिम्मत मिली

महाराष्ट्र के जलगांव की आरोही मेहरा जो वहां फंसी हुईं थी, उन्होंने बताया, "बहुत डर लग रहा था, लेकिन गांववालों और सेना ने बहुत मदद की। जब सेना के जवान आए, तब हमें हिम्मत मिली।"

महाराष्ट्र के जलगांव के रहने वाले रूपेश मेहरा ने बताया, "सड़कें पूरी तरह टूट चुकी थीं। हमें हेलीकॉप्टर से निकाला गया। SDRF, ITBP, सेना-सबने बहुत सहयोग दिया।"


लगातार डटे हैं जवान

भारतीय सेना के मुताबिक, 225 से अधिक जवान, इंजीनियर, मेडिकल टीम और रेस्क्यू विशेषज्ञ मौके पर तैनात हैं। दो रेको रडार टीमें खोज अभियान चला रही हैं। सर्च एंड रेस्क्यू डॉग्स की मदद भी ली जा रही है।

मुख्यमंत्री धामी मौके पर

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मातली हेलीपैड पहुंचे, जहां उन्होंने धराली से निकाले गए लोगों से मुलाकात की। साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे अधिकारियों, NDRF और SDRF कर्मियों का मनोबल बढ़ाया।


तबाह हो चुकी हैं सड़कें

ड्रोन से लिए गए वीडियो में भटवारी क्षेत्र की टूटी सड़कों और नष्ट हो चुके रास्तों की भयावहता साफ देखी जा सकती है। रास्ते मलबे में दबे हुए हैं, और गंगोत्री धाम की ओर जाने वाला मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।

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