दिग्गज अभिनेता-निर्माता धीरज कुमार का निधन, फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर
उन्होंने 1970 की फिल्म ‘रातों का राजा’ से शुरुआत करते हुए कई हिंदी और पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने ‘ओम नमः शिवाय’ जैसे पौराणिक सीरियल के साथ ‘रिश्तों के भंवर में उलझी नियति’, ‘अदालत’ और ‘घर की लक्ष्मी बेटियां’ जैसे टीवी शो का भी निर्माण किया।

फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ सहित कई फिल्मों में अभिनय और हिट टेलीविजन शो ‘ओम नमः शिवाय’ और ‘अदालत’ के निर्माण से चर्चित दिग्गज अभिनेता और निर्माता धीरज कुमार का आज मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे और निमोनिया से गंभीर रूप से पीड़ित थे, जिसके बाद उन्हें कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल की गहन चिकित्सा यूनिट में भर्ती कराया गया था।
उनके एक पारिवारिक मित्र ने मंगलवार को उनके निधन की जानकारी दी। धीरज कुमार के करीबी सहयोगी और पारिवारिक मित्र अजय शुक्ला ने बताया, "आज सुबह 11 बजे कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में निमोनिया के कारण उनका निधन हो गया। वह कुछ समय से अस्वस्थ थे और शनिवार को बुखार, सर्दी और खांसी की शिकायत के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उम्र संबंधी जटिलताओं के कारण उन्हें आईसीयू में रखा गया था।" शुक्ला ने बताया कि कुमार का अंतिम संस्कार बुधवार को पवन हंस श्मशान घाट पर किया जाएगा।
धीरज कुमार के परिवार ने एक बयान में उनके निधन की पुष्टि की। उनके परिवार ने कहा, "गहरी संवेदना और शोक के साथ हम यह सूचित करते हैं कि अनुभवी अभिनेता, निर्माता, निर्देशक और एक अच्छे इंसान धीरज कुमार ने मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को दोपहर लगभग 12 बजे अपने परिजनों की मौजूदगी में अंतिम सांस ली।"
उनके परिजनों ने बताया, "वे हमेशा हंसते रहते थे, हमेशा दूसरों की मदद को तैयार और हमेशा अपने परिवार, दोस्तों और पूरी इंडस्ट्री के लिए मौजूद रहते थे। एक सच्चे सज्जन पुरूष धीरज कुमार कई लोगों के लिए पिता समान, मित्र और मार्गदर्शक थे। उन्हें न केवल एक अभिनेता के रूप में बल्कि एक मार्गदर्शक बल्कि एक निर्मल आत्मा के रूप में भी याद किया जाएगा। हम इस कठिन समय में सभी की प्रार्थनाओं और समर्थन के लिए सभी का धन्यवाद करते हैं।"
धीरज कुमार का करियर सिनेमा और टेलीविजन दोनों में पांच दशकों से ज़्यादा समय तक चला। उन्होंने मनोरंजन इंडस्ट्री में अपना सफ़र 1965 में एक प्रतिभा प्रतियोगिता के ‘फाइनलिस्ट’ के रूप में शुरू किया था। सुपरस्टार राजेश खन्ना और फिल्म निर्माता सुभाष घई भी इसका हिस्सा थे। उन्होंने 1970 की फिल्म ‘रातों का राजा’ से शुरुआत करते हुए कई हिंदी और पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया और मुख्य भूमिकाएं निभाईं।
इसके बाद उन्होंने 'दीदार', 'बहारों फूल बरसाओ', 'शराफत छोड़ दी मैंने', ‘रोटी कपड़ा और मकान’ (1974), ‘सरगम’ (1979) और ‘क्रांति’ (1981) जैसी कई फिल्मों में मुख्य और सहायक भूमिकाएं निभाईं। पंजाबी सिनेमा में कुमार एक प्रमुख हस्ती थे और उन्होंने 1970 से 1984 के बीच 20 से ज़्यादा फिल्मों में अभिनय किया। जिनमें हाल ही में आई 'सज्जन सिंह रंगरूट' और 'इक संधू हुंदा सी' जैसी फिल्मों में उनके अभिनय को काफी पसंद किया गया।
धीरज कुमार ने अपने करियर में अभिनय, निर्देशन और निर्माण तीनों क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाई।1986 में उन्होंने ‘क्रिएटिव आई लिमिटेड’ नामक एक प्रोडक्शन हाउस की स्थापना की, जिसने भारतीय टेलीविजन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में कंपनी ने ‘ओम नमः शिवाय’ जैसे लोकप्रिय पौराणिक और पारिवारिक धारावाहिकों का निर्माण किया जो 1997 से 2001 तक दूरदर्शन नेशनल पर प्रसारित हुए।
निर्देशन के क्षेत्र में भी धीरज कुमार ने अच्छा-खासा नाम कमाया। उन्होंने बच्चों के लिए 'आबरा का डाबरा' जैसी फिल्म बनाई। साथ ही उन्होंने ‘श्री गणेश’, ‘रिश्तों के भंवर में उलझी नियति’, ‘अदालत’ और ‘घर की लक्ष्मी बेटियां’, 'संस्कार', 'धूप-छांव', 'अदालत', 'इश्क सुभान अल्लाह, और 'जोड़ियां कमाल की' जैसे लोकप्रिय टीवी सीरियल्स का निर्देशन भी किया। निर्माता के रूप में उनकी कंपनी 'क्रिएटिव आई लिमिटेड' ने 30 से ज्यादा सीरियल्स बनाए, जिनमें पारिवारिक और धार्मिक विषयों को खास महत्व दिया गया।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia