मणिपुर में फिर हिंसा, हथियारबंद लोगों के हमले में एक व्यक्ति की मौत, कर्फ्यू में ढील खत्म

राज्य में 3 मई से जारी जातीय हिंसा में अब तक 71 लोग मारे गए हैं, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस दौरान लगभग 1,700 घर जलाए गए हैं और 200 से अधिक वाहनों को फूंका गया है। कर्फ्यू और इंटरनेट पर बैन के बावजूद लगभग हर दिन हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं।

मणिपुर में हथियारबंद लोगों के हमले में एक व्यक्ति की मौत, कर्फ्यू में ढील खत्म
मणिपुर में हथियारबंद लोगों के हमले में एक व्यक्ति की मौत, कर्फ्यू में ढील खत्म
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नवजीवन डेस्क

मणिपुर में बुधवार को एक बार फिर हिंसा की ताजा घटना सामने आई है। बिष्णुपुर जिले में एक अलग समुदाय के हथियारबंद हमलावरों ने एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी, जबकि दो अन्य घायल हो गए। जिला प्रशासन ने हिंसा को देखते हुए बिष्णुपुर, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम जिलों में कर्फ्यू में ढील रद्द कर दी है। यहां पर प्रशासन ने सुबह 5 बजे से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी थी।

इंफाल में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कुछ हथियारबंद लोगों ने बिष्णुपुर जिले के मोइरांग के कुछ गांवों में धावा बोला था। हंगामा को सुनकर राहत शिविर में रहने वाले कुछ लोग यह देखने के लिए बाहर आ गए कि क्या हो रहा है। इस दौरान एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई। मृतक की पहचान 29 वर्षीय तोजम चंद्रमणि के रूप में हुई है। तोजम को गंभीर हालत में एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गोली लगने के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई।


रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रमणि की मौत के बाद तनाव बढ़ने पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त अर्धसैनिक बल और पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस के अनुसार, बिष्णुपुर के फौबक्चाओ में मंगलवार की रात एक समुदाय विशेष के कुछ बदमाशों ने अलग-अलग समुदाय के तीन घरों में आग लगा दी। जवाबी कार्रवाई में दूसरे समुदाय के कुछ युवकों ने चार घरों को आग के हवाले कर दिया था।

मणिपुर में 3 मई को मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति दर्जे में शामिल करने की मांग के खिलाफ बुलाई गई विरोध सभा के बाद राज्य के 16 में से 11 जिलों में जातीय हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें कई लोगों की मौत और कई घरों को जलाने की घटना के बाद प्रशासन ने अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाते हुए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया था। हालात को काबू में करने के लिए सेना को भी बुलाया गया है, लेकिन लगभग हर दिन हिंसा की छिटपुट घटनाएं अब भी सामने आ रही हैं।


सेना, असम राइफल्स और प्रादेशिक सेना को 11 जिलों के 23 सबसे संवेदनशील पुलिस थाना क्षेत्रों में तैनात किया गया है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने कुछ क्षेत्रों में बार-बार होने वाली हिंसा से निपटने के लिए केंद्रीय बलों की और कंपनियों की मांग की है। राज्य में भड़की व्यापक जातीय हिंसा में अब तक 71 लोग मारे गए हैं, जबकि पुलिसकर्मियों सहित 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं हिंसा के दौरान लगभग 1,700 घर जलाए गए हैं, और 200 से अधिक वाहन खाक हो गए हैं।

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