नोबल विजेता अमर्त्य सेन को विश्व भारती का अल्टीमेटम, 13 डिसमिल जमीन खाली करने के लिए कहा, जानें क्या है पूरा मामला

विवाद 13 डिसमिल जमीन को लेकर है। इसकी शुरुआत तब हुई जब विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने सेन पर अवैध रूप से 1.38 एकड़ जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

विश्वभारती विश्वविद्यालय ने नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को अंतिम निष्कासन नोटिस जारी कर उन्हें पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में विश्वविद्यालय परिसर के भीतर 6 मई तक विवादित 13 डिसमिल जमीन खाली करने को कहा है। सेन इस समय अमेरिका में हैं। 13 अप्रैल को बोलपुर में एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट द्वारा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस के हस्तक्षेप का आदेश देने के बावजूद विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने यह ताजा नोटिस जारी किया है।

खबरों के मुताबिक, नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री के वकील द्वारा दायर एक याचिका के बाद कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया था। इसमें भूमि के विवादित हिस्से को लेकर सेन के खिलाफ विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा संभावित बेदखली अभियान पर कानून और व्यवस्था के उल्लंघन की आशंका व्यक्त की गई थी। आदेश में कार्यपालक दंडाधिकारी ने शांति निकेतन थाना प्रभारी को तत्काल मामले के निस्तारण तक क्षेत्र में अमन-चैन बनाए रखने का निर्देश दिया।


विवाद 13 डिसमिल जमीन को लेकर है। इसकी शुरुआत तब हुई जब विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती ने सेन पर अवैध रूप से 1.38 एकड़ जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया, जो उनके 1.25 एकड़ के कानूनी अधिकार से अधिक है। हालांकि, नोबेल पुरस्कार विजेता ने इस आरोप का खंडन किया।

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