वोटर अधिकार यात्राः राहुल गांधी ने SIR को 'वोट चोरी' का नया हथियार बताया, बोले- रोक कर रहेंगे
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी और निर्वाचन आयोग की मिलीभगत इन्हें बहुजन और गरीब होने की सजा दे रही है। यह हक का, हिस्सेदारी का, लोकतंत्र में सबकी भागीदारी का सवाल है। इसे हम किसी भी हालत में खत्म नहीं होने देंगे।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को बिहार में अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान निर्वाचन आयोग पर हमला जारी रखा और कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) ‘वोट चोरी का नया हथियार’ है। राहुल गांधी ने अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दूसरे दिन यह भी कहा कि लोकतंत्र में सबकी भागीदारी को किसी हाल में खत्म नहीं होने दिया जाएगा।
राहुल गांधी ने दूसरे दिन की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ औरंगाबाद के कुटुंबा से शुरू की और रफीगंज होते हुए गयाजी जिला पहुंचे। गयाजी शहर में एक सभा के साथ आज देर शाम दूसरे दिन की यात्रा का समापन होगा। कुटुंबा बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश कुमार का विधानसभा क्षेत्र भी है। राहुल के साथ इस यात्रा में आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी और महागठबंधन के कई अन्य नेता शामिल हैं।
यात्रा के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने औरंगाबाद स्थित मशहूर देव सूर्य मंदिर के दर्शन किए। दोनों से मिलने के लिए जगह-जगह लोग सड़क किनारे कतारबद्ध खड़े थे। राहुल गांधी ने ऐसे कई लोगों से मुलाकात की एक तस्वीर अपने व्हाट्सएप चैनल पर साझा की जिनके नाम एसआईआर के दौरान मतदाता सूची से कथित तौर पर काट दिए गए, जबकि उन्होंने लोकसभा चुनाव में वोट डाला था।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘एसआईसीआर वोट चोरी का एक नया हथियार है। इत्तेफाक से इस तस्वीर में मेरे साथ खड़े लोग इस चोरी के 'जीते-जागते' सबूत हैं।’’ उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में वोट डाला था, मगर बिहार विधानसभा चुनाव आते-आते भारत के लोकतंत्र से इनकी पहचान, इनका वजूद मिटा दिया गया।

कांग्रेस नेता ने 70 वर्षीय किसान और सेवानिवृत फौजी राज मोहन सिंह, 35 वर्षीय दलित महिला उमरावती देवी, पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले 30 वर्षीय धनजेय कुमार बिंद, पूर्व मनरेगा मजदूर 45 वर्षीय सीता देवी (45) और पूर्व मनरेगा मजदूर राजू देवी (55) और मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 52 वर्षीय मजदूर मोहमुद्दीन अंसारी से मुलाकात की। उनके मुताबिक, इनके नाम मतदाता सूची में नहीं हैं, जबकि लोकसभा चुनाव में इन्होंने मतदान किया था।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बीजेपी और निर्वाचन आयोग की मिलीभगत इन्हें बहुजन और गरीब होने की सजा दे रही है। उन्होंने कहा, "हमारे जवानों तक को नहीं छोड़ा- न वोट रहेगा, न पहचान रहेगी, और न ही अधिकार।" उन्होंने कहा कि सामाजिक भेदभाव और आर्थिक परिस्थितियों के कारण ये सब ‘सिस्टम’ के षड़यंत्र के विरुद्ध लड़ पाने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा, "उनके साथ हम यहां खड़े हैं ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सबसे मूल अधिकार की रक्षा करने के लिए। यह हक़ का, हिस्सेदारी का, लोकतंत्र में सबकी भागीदारी का सवाल है। इसे हम किसी भी हालत में खत्म नहीं होने देंगे।"
बाद में राहुल गांधी ने औरंगाबाद में कुछ ऐसे लोगों से मुलाकात का एक वीडियो जारी किया जिनके नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "जिन लोगों ने पिछले 4-5 चुनावों में वोट किया, बिहार में उनका भी वोट चोरी कर लिया गया। और जब कारण पूछा, तो एक ही जवाब मिला- ऊपर से आदेश आया है।" राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया, "यह गरीबों के अधिकार की लड़ाई है- हम रुकेंगे नहीं। वोट चोरी रोक कर रहेंगे।"
वहीं कांग्रेस ने सोमवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर पलटवार करते हुए कहा कि पहले आयोग उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दे कि मतदाता सूची में गड़बड़ी नहीं है तो वह भी हलफनामा देकर बताएगी कि गड़बड़ है। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस "ज्ञानेश कुमार गुप्ता" की धमकियों से डरने वाली नहीं है। ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा था कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी वोट चोरी के अपने दावे को लेकर हलफनामा दें या फिर माफी मांगें।
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