महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कल, महायुति-MVA के बीच मुख्य मुकाबला, जानें पूरा समीकरण
अधिकारियों ने बताया कि 30 अक्टूबर तक पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 9,70,25,119 है। इनमें 5,00,22,739 पुरुष, 4,69,96,279 महिला और 6,101 ट्रांसजेंडर वोटर हैं। इसके अलावा, दिव्यांग वोटर्स की संख्या 6,41,425 है। महाराष्ट्र में इस बार 1,00,186 मतदान केंद्र होंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तहत सभी 288 सीट पर बुधवार को मतदान होगा। चुनाव आय़ोग की ओर से मतदान की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। सभी 288 सीट पर मतदान सुबह 7 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे समाप्त होगा। मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। इस चुनाव में जहां सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रहा है, वहीं विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) को सत्ता में शानदार वापसी की उम्मीद है।
चुनाव आयोग की ओर से मतदान के लिए सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। अधिकारियों ने कहा कि मतदाताओं की अद्यतन संख्या 9,70,25,119 है। इनमें 5,00,22,739 पुरुष मतदाता, 4,69,96,279 महिला मतदाता और 6,101 ट्रांसजेंडर मतदाता हैं। इसके अलावा, दिव्यांग मतदाताओं की कुल संख्या 6,41,425 है, जबकि सशस्त्र बलों के सेवा मतदाताओं की संख्या 1,16,170 है। महाराष्ट्र में इस बार 1,00,186 मतदान केंद्र होंगे, जबकि 2019 के विधानसभा चुनाव में इनकी संख्या 96,654 थी। मतदाताओं की संख्या में वृद्धि के कारण यह वृद्धि की गई है। राज्य सरकार के लगभग छह लाख कर्मचारी चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात किए जाएंगे।
पिछले विधानसभा चुनाव (2019) की तुलना में इस बार उम्मीदवारों की संख्या में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस साल 4,136 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि 2019 में 3,239 उम्मीदवार मैदान में थे। इन उम्मीदवारों में 2,086 निर्दलीय हैं। 150 से ज्यादा सीट पर बागी उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें महायुति और एमवीए के उम्मीदवार अपनी पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
सत्तारूढ़ महायुति में शामिल बीजेपी 20 नवंबर को होने वाले चुनाव में 149 सीट पर चुनाव लड़ रही है जबकि एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना ने 81 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी 59 सीट पर चुनाव लड़ रही है। एमवीए में शामिल कांग्रेस 101 पर, शिवसेना (यूबीटी) 95 पर और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) 86 सीट पर चुनाव लड़ रही है। बहुजन समाज पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सहित छोटी पार्टियां भी चुनाव लड़ रही हैं। बीएसपी ने 237 और एआईएमआईएम ने 17 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कई केन्द्रीय मंत्रियों जैसे प्रमुख नेताओं ने अपने अपने उम्मीदवारों के लिए राज्य में प्रचार किया। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में बीजेपी के अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) घटक हैं। गठबंधन को महिलाओं के लिए शुरू की गई ‘माझी लाडकी बहिण’ जैसी अपनी लोकप्रिय योजनाओं की बदौलत सत्ता में बने रहने की उम्मीद है।
बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रमुखता से ‘‘बंटेंगे तो कटेंगे’’ और ‘‘एक हैं तो सेफ हैं’’ जैसे नारे लगाए। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि महायुति इन नारों के जरिये धार्मिक आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है। वहीं, बीजेपी के भी सभी सहयोगी दलों ने इन नारों का समर्थन नहीं किया। अजित पवार ने खुद को इन नारों से अलग कर लिया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नारों का मतलब स्पष्ट करने का प्रयास किया, जिससे सत्तारूढ़ गठबंधन में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।
कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के घटक वाले महा विकास आघाडी (एमवीए) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘‘बंटेंगे तो कटेंगे’’ और प्रधानमंत्री मोदी के ‘‘एक है तो सेफ हैं’’ नारे की आलोचना की। एमवीए गठबंधन ने जाति आधारित गणना, सामाजिक न्याय और संविधान की रक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करके सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रचार का मुकाबला किया। विपक्ष का लक्ष्य उन मतदाताओं से अपील करना था जो सरकार द्वारा उपेक्षित महसूस करते थे।
मतदान से पहले, बीजेपी ने सोमवार को एक नया विज्ञापन अभियान शुरू किया। इसमें विपक्षी एमवीए पर हमला किया गया और मतदाताओं से ‘‘कांग्रेस को ना कहने’’ का आग्रह किया गया है। विज्ञापन अभियान में अतीत की विभिन्न घटनाओं का उल्लेख किया गया है जिनमें 26/11 मुंबई आतंकवादी हमला और पालघर में साधुओं की हत्या जैसी घटनाएं शामिल हैं।
राज्य में 15 अक्टूबर को आचार संहिता लागू होने के बाद से विभिन्न प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई में 252.42 करोड़ रुपये की नकदी और वस्तुएं जब्त की गईं। जब्त की गई वस्तुओं में 63.47 करोड़ रुपये नकद, 33.73 करोड़ रुपये मूल्य की 34,89,088 लीटर शराब शामिल है। इसके अतिरिक्त, 32.67 करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थ और 83.12 करोड़ रुपये मूल्य की कीमती धातु (सोना-चांदी) भी जब्त की गई है। इसी अवधि के दौरान ‘सी-विजिल’ ऐप के जरिये राज्य भर में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित 2,469 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 2,452 शिकायतों (99.31 प्रतिशत) का तत्काल निस्तारण कर दिया गया।
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