'वक्फ विधेयक संविधान पर हमला, इसके खिलाफ उपलब्ध हर मंच पर लड़ेंगे'

करात ने कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि यह भारत के संविधान पर हमला है।’’ उन्होंने कहा कि यदि मुद्दा केवल वक्फ बोर्ड के कामकाज का होता तो मुस्लिम समुदाय के साथ परामर्श करके सुधार पेश किए जा सकते थे।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता वृंदा करात ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को संविधान पर हमला करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी इसके खिलाफ लड़ने के लिए सभी उपलब्ध मंचों का इस्तेमाल करेगी।

माकपा नेता तमिलनाडु के मदुरै में 24वीं पार्टी कांग्रेस के अवसर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने इस दौरान विधेयक के खिलाफ अपनी पार्टी के रुख को दोहराया।

करात ने कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि यह भारत के संविधान पर हमला है।’’ उन्होंने कहा कि यदि मुद्दा केवल वक्फ बोर्ड के कामकाज का होता तो मुस्लिम समुदाय के साथ परामर्श करके सुधार पेश किए जा सकते थे।


माकपा नेता ने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस्लाम के अनुयायियों के खिलाफ बुलडोजर चला रही है। भले ही वह संसद में अपने बहुमत का इस्तेमाल इसके लिए कर ले, लेकिन हम संविधान पर इस हमले के खिलाफ लड़ने के लिए हर उपलब्ध मंच का इस्तेमाल करेंगे।’’

करात ने रेखांकित किया कि माकपा हिंदुत्व को अलग कारक के रूप में नहीं देखती, बल्कि इसका कॉर्पोरेट समर्थक एजेंडा है। उन्होंने कहा कि पार्टी किसी भी अल्पसंख्यक समूह पर हमलों का विरोध करती है।

उन्होंने अमेरिका द्वारा लगाए गए जवाबी शुल्क पर कथित चुप्पी साधने के लिए भी बीजेपी नीत केंद्र सरकार की आलोचना की।

करात ने कहा, ‘‘(अमेरिकी राष्ट्रपति) डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापार युद्ध के तहत भारतीय वस्तुओं पर 27 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। हम इसकी निंदा करते हैं, क्योंकि यह बिना किसी संवाद के किया गया है। हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि जब ट्रंप ये शुल्क लगाते हैं तो अन्य सरकारें प्रतिक्रिया करती हैं, लेकिन हमारी सरकार एक शब्द भी क्यों नहीं बोलती?’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह इस सरकार की प्रवृत्ति को दर्शाता है, जो अति-राष्ट्रवादी होने का दावा करती है, लेकिन जब अमेरिका के खिलाफ भारत के हितों की रक्षा की बात आती है, तो कुछ नहीं करती।’’

वाम नेता ने कहा कि वर्तमान में उनकी पार्टी की चिंता पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में अपना आधार फिर से बनाने की है। उन्होंने कहा कि वामपंथी एकता को मजबूत करने तथा धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों को एक साथ लाने पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

करात ने कहा कि माकपा की बैठक में अब तक दो प्रस्ताव पेश किए गए हैं जिनमें एक आरएसएस-बीजेपी और संघ परिवार के सांप्रदायिक हमलों का मुकाबला करने पर और दूसरा नयी श्रम संहिताओं के खिलाफ 20 मई को आहूत आम हड़ताल का समर्थन करने से जुड़ा है।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia